कर्नाटक में मांड्या के पास केरागोडु गांव में इन दिनों बेहद गंभीर स्थिति बनी हुई है। गांव में लगाए गए 108 फीट बड़े झंडे को हटाने के संबंध में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। भगवा रंग के इस झंडे पर हनुमान जी का चित्र बना है। इस झंडे को हटाने के बाद लगातार विवाद हो रहा है।
झंडे को हटाने के बाद स्थानीय लोगों ने मांग की है कि झंडा फिर से लगाया जाना चाहिए। स्थानीय लोगों की इस मांग के बाद इलाके में सुरक्षा व्यव्स्था कड़ी कर दी गई है। हालांकि गांव में स्थिति बेहद गंभीर और तनावपूर्ण बनी हुई है। इस मामले पर राजनीतिक दल बयानबाजी भी कर रहे है। विपक्षी बीजेपी-जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस सरकार के नेता आपस में जुबानी जंग भी लड़ रहे है।
जानकारी के मुताबिक ध्वज उतारे जाने के बाद पूरे इलाके में काफी विरोध प्रदर्शन किया गया है। रविवार को भी यहां भरी विरोध प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मार्च में भाग लेने वालों में भाजपा नेता सी टी रवि और प्रीतम गौड़ा भी शामिल थे। पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। बता दें की हनुमान ध्वज हटाने के बाद वहां तिरंगा लहराया गया है। इसके बाद सोमवार को भी लोगों ने इकट्ठा होकर जय श्री राम के नारे लगाए है। स्थानीय लोगों ने उपायुक्त कार्यालय तक भगवा झंडा लिए मार्च भी निकाला।
बता दें कि सोमवार को ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जारी रखा और ध्वज को एक बार फिर फहराने की मांग की। केरागोडु गांव में हनुमान ध्वज को हटाए जाने के बाद जोरदार विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई के एक दिन बाद स्थिति तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जैसे ही मार्च मांड्या शहर पहुंचा, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य कांग्रेस नेताओं की तस्वीर वाले एक पोस्टर को निशाना बनाने की कोशिश की थी। एहतियात के तौर पर पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है, क्योंकि केरागोडु और आसपास के गांवों के लोग, भाजपा, जद(एस) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने झंडे को हटाने का विरोध जारी रखा और मांग की कि इसे एक बार फिर फहराया जाए। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को विपक्षी भाजपा और जद(एस) पर आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झंडा हटाने के मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया।