
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बिजली बिल से जुड़े मामलों ने लोगों को परेशान कर दिया है। शहर में बिजली उपभोक्ताओं की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इंदिरानगर, पारा और चिनहट डिवीजन में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जहां उपभोक्ताओं को गलत बिल भेजे जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में या तो मीटर रीडिंग गलत डाली गई है या फिर सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली को बिल में समायोजित नहीं किया गया है। इस प्रकार के करीब 3500 मामले हैं। इनकी परेशानी का समाधान नहीं हो पा रहा है।
राजधानी के 3500 से अधिक बिजली उपभोक्ता गलत बिलिंग के कारण परेशानी झेल रहे हैं। बिजली विभाग की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से ज्यादा बिल आ रहा है। विभाग ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन उपभोक्ताओं को सही बिल पाने के लिए लगातार शिकायतें करनी पड़ रही हैं। इसके बाद भी समाधान नहीं हो रहा है। उपभोक्ता इस मामले में सरकार की ओर से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
लखनऊ में करीब 3500 उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल भेजा जा रहा है। कई मामलों में पांच से छह महीने से मीटर रीडिंग ही नहीं हुई है, जिससे उपभोक्ता अपना बिल सही तरीके से जमा नहीं कर पा रहे हैं। शहर में करीब 10,000 उपभोक्ताओं ने सोलर पैनल लगवाए हैं।
उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग उनकी सोलर से बनने वाली अतिरिक्त बिजली (एक्सपोर्टेड यूनिट) को उनके बिल से घटा ही नहीं रहा है। इस कारण उनके बिल अनावश्यक रूप से बढ़ रहे हैं। इस दिशा में शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भवानी सिंह का कहना है कि सभी अधिशासी अभियंताओं को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। उपभोक्ताओं को सही बिल देने संबंधी निर्देश जारी किया गया है, ताकि वे समय पर बिल जमा कर सकें। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली की रीडिंग को सही तरीके से बिल में समायोजित किया जाएगा। उपभोक्ता अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराएं, कार्रवाई होगी।
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ता इस प्रकार के मामलों में लिखित शिकायत करें। बिजली बिल में किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल एसडीओ या एक्सईएन कार्यालय में लिखित शिकायत की जाए। अगर समाधान नहीं होता है तो उच्च अधिकारियों या उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करें। सोलर पैनल उपभोक्ता अपनी एक्सपोर्टेड यूनिट की निगरानी करें और इसे सही से समायोजित कराने की मांग करें।