
नई दिल्ली। अमेरिका से टैरिफ विवाद के बीच भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने की दिशा में द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो गई है। पांच सालों से बंद यह व्यापार अब फिर से बहाल हो सकता है, जो दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
चर्चा अभी शुरुआती और गोपनीय स्तर पर चल रही है। दोनों देशों ने सीमित सीमावर्ती व्यापारिक मार्गों से व्यापार शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि बीजिंग इस मुद्दे पर भारत के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने को तैयार है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सीमा व्यापार ने वर्षों से दोनों देशों के सीमा क्षेत्रों के निवासियों के जीवन में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाई है।
भारत और चीन के बीच तीन दशक तक सीमित सीमा व्यापार होता रहा है, जिसमें मसाले, कालीन, लकड़ी के फर्नीचर, औषधीय पौधे, मिट्टी के बर्तन, पशु चारा, ऊन और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी स्थानीय चीजों का लेन-देन होता था। यह व्यापार 3,488 किलोमीटर लंबी विवादित हिमालयी सीमा पर तीन तय बिंदुओं से किया जाता था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2017–18 में इस व्यापार का कुल मूल्य लगभग 3.16 मिलियन डॉलर था। भले ही इसका स्केल छोटा था, लेकिन यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी साबित होता था।