आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला को मंगलवार को राज्य इकाई का कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। शर्मिला 4 जनवरी को कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। उन्होंने अपनी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) के कांग्रेस में विलय की घोषणा की थी। कांग्रेस का यह कदम गिदुगु रुद्र राजू के आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद आया है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले शर्मिला ने वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए तेलंगाना विधानसभा चुनाव से बाहर होने का विकल्प चुना है, जिससे तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को फायदा हो सकता था। आंध्र प्रदेश के सीएम और अपने भाई जगन मोहन रेड्डी को वह चुनौती देती नजर आएंगी।
कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वाईएस शर्मिला रेड्डी को तत्काल प्रभाव से आंध्र प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। निवर्तमान अध्यक्ष गिदिगु रुद्र राजू कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। शर्मिला ने अपनी सियासी पारी का आगाज कठिन परिस्थितियों में हुआ था जब मई 2012 में उनके बड़े भाई जगन को गबन के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। भाई के जेल जाने के बाद उन्होंने मां वाईएस विजयम्मा के साथ पार्टी की ओर से प्रचार का जिम्मा संभाला। उनके भाई और एपी के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी द्वारा वर्तमान आंध्र प्रदेश में उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं को नजरअंदाज करने के बाद लोगों ने उन्हें एक हताश राजनीतिज्ञ के रूप में देखा।
जाहिर तौर पर, उन्हें वहां सरकार या पार्टी में किसी भी भूमिका से वंचित कर दिया गया था क्योंकि उन्हें डर था कि वह पार्टी और सरकार के भीतर एक और शक्ति केंद्र के रूप में उभरेंगी। इसी वहज से उन्होंने तेलंगाना का रूख किया था। वाईएस शर्मिला को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता राहुल गांधी ने शामिल किया था। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के कांग्रेस में विलय के बाद वाईएस शर्मिला ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और इसने हमेशा भारत की सच्ची संस्कृति को बरकरार रखा है और हमारे राष्ट्र की नींव तैयार की है।