भारत के लिए शुरू कोल्ड वॉर  

नई दिल्ली। दुनिया में सबसे ताकतवर देशों की लिस्ट में भारत चौथे नंबर पर आता है। भारत से पहले अमेरिका, चीन और रूस आते हैं। अब भारत के लिए इन तीनों देशों में जंग शुरू हो गई है। भारत के लिए अमेरिका, रूस और चीन में बड़ी कोल्ड वॉर शुरू हो गई है। ये तीनों ही देश भारत को खुश करने के लिए आपस में भिड़ रहे हैं।

इतिहास में पहली बार रूस और अमेरिका के पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट बैंगलुरू एयर शो में आमने सामने होंगे। रूस और अमेरिका दोनों ही भारत को अपनी तरफ करने में लगे हैं। यहां तक की चीन भी भारत को खुश करने के लिए रामायण पाठ करवा रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू कर रहा है।

कुल मिलाकर कहे तो अमेरिका, चीन और रूस अपने अपने फायदे के लिए भारत को अपने खेमे में करना चाहते हैं। चीनों जानते हैं कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और डिफेंस पावर है। भारत जिसके साथ होगा उसका पलड़ा भारी होगा। अमेरिका भारत को अपनी तरफ कर रूस और चीन का मुकाबला करना चाहता है। 

चीन अमेरिका से बचने के लिए भारत पर डोरे डाल रहा है। इन दोनों के अलावा रूस भी भारत को अमेरिका से दूर रखना चाहता है। ये जंग बहुत दिलचस्प और खतरनाक है। चीन अचानक भारत का सबसे पक्का दोस्त बनने की कोशिश कर रहा है। धनुष उठाते राम, फिर राम सीता का विवाह, लक्षम्ण का मूर्छित होना, रावण वध सभी कुछ चीनी कलाकारों के द्वारा बीजिंग में किया गया।

चीन में भारतीय दूतावास की तरफ से ये तस्वीरें शेयर की गई। रामायण के अलावा भी चीन ने भारत के लिए अपनी बांहे खोल दी हैं। चीन ने भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी से मुलाकात की। वहीं अपने आप ही बोलना शुरू कर दिया कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा दोबारा शुरू करते हैं।

भारत से चीन के बीच सीधा फ्लाइट को भी दोबारा शुरू करते हैं। मामला इतने पर ही नहीं रुका। अब तो भारत और चीन के बीच डिप्लोमैटिक रिश्तों के 75 साल पूरे होने पर कोलकाता में चीन के काउंसिल जनरल ने एक शानदार पार्टी का आयोजन भी किया। पूरी दुनिया हैरान है कि चीन को क्या हो गया है।

दरअसल, ये चीन की मजबूरी है। उसे पता है कि भारत के साथ जबतक रूस और अमेरिका खड़े रहेंगे। भारत को खतरनाक हथियार बेचते रहेंगे। तब तक चीन भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। चीन ये भी जानता है कि आने वाले दिनों में डोनाल्ड ट्रंप उसके लिए बड़ा खतरा बनने वाले हैं। उसकी बानगी 10 फीसदी टैरिफ लगाकर ट्रंप ने दिखा भी दी है।  

चीन ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में मुकदमा दायर करेंगे। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि चीन चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है। इसकी कड़ी निंदा भी करता है। चीन विश्व व्यापार संगठन के पास मामला दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम भी उठाएगा।

इसके अलावा चीन की छवि को खराब करने के लिए ट्रंप ने दोबारा बोलना शुरू कर दिया है कि कोरोना वुहान लैब से फैला था। दूसरी तरफ रूस देख रहा है कि कैसे डोनाल्ड ट्रंप भारत पर डोरे डाल रहे हैं। पीएम मोदी को फोन मिलाकर अमेरिकी हथियार खरीदने की बात कर रहे हैं। अभी तक तो रूस भारत को सभी तरह के हथियार दे रहा था।

भारत के लिए न्यूक्लियर रिएक्टर बना रहा था। लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही क्षेत्रों से रूस को हटाना चाहते हैं या रूस की निर्भरता को कम करना चाहते हैं। ट्रंप चीन का डर दिखाकर भारत को पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट बेचना चाहते हैं। अमेरिका ने बड़ी ही चालाकी से भारत के तेजस विमानों के प्रोडक्शन को अटका दिया है।

तेजस विमानों में अमेरिकी इंजन लगना था। मगर अमेरिका ने इन इंजन की सप्लाई को लटका दिया है। अमेरिका कोशिश में है कि भारत उसके फाइटर जेट खरीद ले। लेकिन रूस ये नहीं चाहता है। रूस चाहता है कि भारत उसके पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट खरीजे। रूस तो भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की पेशकश भी कर सकता है। भारत को फाइटर जेट बेचने के लिए अब रूस और अमेरका भिड़ गए हैं।  

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