सीएम योगी ने पीडीए नारे को परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी करार दिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन चल रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के शासनकाल की तुलना अपनी सरकार के 2017 से 2025 तक के कार्यकाल से की और विपक्ष पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। सीएम योगी ने विपक्ष के पीडीए नारे को परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी करार देते हुए उनकी सीमित सोच पर तंज कसा है। वहीं शिवपाल यादव को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिसके बाद सीएम योगी स्वयं और अन्य विधायक अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को सदन में अपने कार्यकाल का बखान करने के साथ-साथ मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी पर हमला बोल रहे थे। इसी दौरान सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपका दोहरा चरित्र है। आप बात आजादी की करते हैं लेकिन काम गुलामी जैसा का करते हैं। नेता जी जैसे भोले-भाले नेता को भी आप लोगों ने बदनाम करने का काम किया है। इसी बीच सीएम योगी ने कहा कि शिवपाल यादव उनकी (मुलायम सिंह यादव) विरासत के अंतिम उत्तराधिकारी थे, लेकिन चाचा भी गच्चा खा गए। सीएम योगी आदित्यनाथ के इतना कहते ही शिवपाल यादव, माता प्रसाद पांडेय समेत सभी विधायक मुस्कुराने लगे थे।

इस दौरान सीएम योगी ने सैफई महोत्सव का जिक्र करते हुए भी समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया है। वहीं सीएम योगी ने चार्वाक का उदाहरण देते हुए विपक्ष को उनकी परिवारवादी सोच के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। आपका ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के ‘कूप मंडूक’ दर्शन को चरितार्थ करता है। दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अभी भी परिवार तक सीमित हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी 1980 के दशक के बाद देश का सबसे बीमारू राज्य बन गया। योजनाएं बनती थीं, घोषणाएं होती थीं, लेकिन न इच्छाशक्ति थी और न ही क्रियान्वयन का संकल्प। उन्होंने उस दौर की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी और निवेशकों में भरोसे की कमी थी। अपराध और अराजकता का बोलबाला था। पलायन, गरीबी, इंसेफेलाइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों से होने वाली मौतें, भ्रष्टाचार, भेदभाव और भाई-भतीजावाद ने यूपी को जकड़ रखा था।

वहीं सीएम योगी ने 2017 के बाद डबल इंजन सरकार में किए गए कामों का बखान करते हुए कहा कि 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ है। अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया और यूपी निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया। योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज यूपी की पहचान सुशासन से है। बेहतर कानून व्यवस्था, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकार की सकारात्मक सोच ने यूपी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

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