शंभु बॉर्डर पर पुलिस,किसानों के बीच टकराव

किसान दिल्ली कूच के लिए तैयार हैं। पुलिस उन्हें रोकने के लिए सभी बॉर्डर पर कमर कसे डटी है। ऐसे में फिर पुलिस और किसानों के बीच टकराव देखने को मिल सकता है। दिल्ली के तीनों बॉर्डर सील हैं। पुलिस हथियारों के साथ तैनात है। तनाव का माहौल बना हुआ है। शंभु बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव जारी है। किसान ‘हथियार’ लेकर पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं। वहीं पुलिस उनको रोकने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए, लेकिन किसान इस बार गैस मास्क भी लेकर आए हैं। किसानों ने बॉर्डर पर बनाई गई सीमेंट की दीवार तोड़ने का प्रयास किया।

केंद्र सरकार ने किसानों को 5वीं बार बातचीत करने का न्योता दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार चौथे दौर के बाद 5वें दौर में सभी मुद्दों MSP की मांग, फसलों के वर्गीकरण, पराली और FIR रद्द करने के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार है। मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं। शांति बनाए रखना जरूरी है।किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सरकार से कहा कि आप हमें मार दें, लेकिन किसानों पर अत्याचार करना बंद करें। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए MSP की गारंटी कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें।

पंढेर ने कहा कि देश ऐसी सरकार को माफ नहीं करेगा। हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए हैं। हमने क्या अपराध किया है? हमने उनको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि सेनाएं हम पर इस तरह से अत्याचार करेंगी। कृपया हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें।

किसान दिल्ली में घुसने के लिए अड़े है। हरियाणा-पंजाब और दिल्ली पुलिस उन्हें हर हाल में रोकने के लिए डटी है। केंद्र सरकार का MSP को लेकर दिया गया प्रस्ताव खारिज करने के बाद किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया। हालांकि सरकार ने किसानों को समझाने के लिए 4 दौर की वार्ता की, लेकिन चारों बैठकें बेनतीजा रहीं। अब शंभु बॉर्डर के साथ-साथ खनौरी बॉर्डर पर भी हजारों किसान जुटे हैं। दिल्ली के तीनों बॉर्डर टिकरी, गाजीपुर और सिंघु पूरी तरह से सील हैं।

दिल्ली कूच करने के लिए करीब 14 हजार किसान तैयार हैं। एक हजार से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉलियों, 300 से ज्यादा कारों और मिनी बसों में किसान दिल्ली जाएंगे। यही नहीं उनके पास JCB, हाईड्रोलिक क्रेन पॉकलेन मशीन है, जिससे वे बॉर्डर पर बनाई गई सीमेंट की दीवारें तोड़ेंगे। इसके अलावा भी उनके पास कई तरह के हथियार देखने को मिले हैं। मेकशिफ्ट टैंक और आयरन शीटें भी किसान अपने साथ लेकर चलेंगे। किसानों ने हर हाल में दिल्ली में घुसने का ऐलान किया है।

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैयार है। शंभू बॉर्डर पर सीमेंट की दीवार और गार्डर सड़क पर अड़ाए गए हैं। कंटीली तारें बिछाते हुए 7 लेयर की बैरिकेडिंग पुलिस ने की है। इसके अलावा टीकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर भी करीब 10 लेयर की बैरिकेडिंग है। जवानों के हाथों में हथियार हैं। शंभु बॉर्डर पर ही करीब 30 हजार आंसू गैस के गोले पहुंचा दिए गए हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में धारा 144 लागू है। 24 फरवरी तक इंटरनेट बैन किया हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा की खाप पंचायतों ने पंजाब के किसानों का समर्थन करने का ऐलान किया। जींद में मंगलवार को खापों और किसान संगठनों की महापंचायत हुई थी। 12 खापों और 11 किसान संगठनों ने पंजाब के किसानों का साथ देने की घोषणा की है। खापों का कहना है कि अगर सहयोग मांगा जाएगा तो सहयोग दिया जाएगा। पुलिस और सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है। आंदोलन पूरे देश के किसानों के लिए है और इस बार किसान अपना हक लेकर रहेंगे।

हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर ने पंजाब के DGP गौरव यादव को चिट्ठी लिखकर हालातों के बारे में बताया। साथ ही निर्देश दिए कि मीडिया कर्मियों को बॉर्डर से एक किलोमीटर दूर रोकने का प्रबंध किया जाए। पंजाब DGP ने पुलिस विभाग को आदेश दिया है कि किसानों को बॉर्डर तैनात नहीं करने देना है। ध्यान रखे कि इस दौरान मीडिया कर्मियों और आम लोगों का नुकसान न हो। साथ ही पुलिस कर्मियों को भी एहतियात बरतने को कहा है। बॉर्डर तक आने वाली सभी सड़कों पर नाकाबंदी रखें।

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