आज ही के दिन, 1 जनवरी को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जन्म हुआ था। वह 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे और 7 बार विधायक के रूप में चुने गए। उनके राजनीतिक करियर में कई अहम घटनाएं घटीं, जिनमें उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। उनकी मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान, ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
इसके अलावा, 2012 में उन्हें जेबीटी भर्ती घोटाले में भी दोषी ठहराया गया और उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई। इन सभी घटनाओं ने उनकी राजनीतिक छवि को प्रभावित किया। हालांकि, उनकी भूमिका हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण रही, और वह राज्य के एक प्रमुख राजनीतिक नेता के रूप में पहचाने गए। चौटाला का राजनीतिक सफर कई विवादों से घिरा रहा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हरियाणा में अपनी पहचान बनाई।
सिरसा के चौटाला गांव में 01 जनवरी 1935 को ओम प्रकाश चौटाला का जन्म हुआ था। वे भारत के 6वें उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र थे। उनकी शादी स्नेहलता चौटाला से हुई थी। ओम प्रकाश चौटाला के दो बेटे अजय और अभय चौटाला हैं। उनके दोनों बेटे राजनीति में सक्रिय हैं।
ओम प्रकाश चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। पहली बार वह 02 दिसंबर 1989 को राज्य के सीएम बनें और दूसरी बार 12 जुलाई 1990 को सीएम पद पर आसानी हुए। लेकिन इस दौरान उनको महज 5 दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तीसरी बार वह 22 अप्रैल 1991 को राज्य के मुख्यमंत्री बनें और करीब 2 हफ्ते बाद वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
इसके बाद वह चौथी बार 24 जुलाई 1999 को हरियाणा के सीएम बनें और दिसंबर 1999 में विधानसभा भंग कर दी। फिर चुनाव हुए और साल 2000 में ओम प्रकाश चौटाला ने 5वीं बार राज्य के सीएम पद की कमान संभाली थी। इस दौरान उन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया।
दरअसल, साल 1993 में ओम प्रकाश चौटाला ने नरवाना उपचुनाव जीता था। जिसके बाद साल 1996 में चौटाला ने हरियाणा लोक दल नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाई। फिर साल 1998 में बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर 5 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद हरियाणा लोक दल का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) कर दिया गया।
बता दें कि हरियाणा के IAS अधिकारी संजीव कुमार जेबीटी शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट से भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। तत्कालीन सीएम चौटाला पर आरोप था कि उन्होंने हर शिक्षक से 3-4 लाख रुपए लिए हैं। जिसके चलते ओम प्रकाश चौटाला 9 से अधिक साल जेल में रहे। वहीं कोरोना के दौरान उनके स्वास्थ्य को देखते हुए 2 जुलाई 2021 को चौटाला को रिहा कर दिया गया था।
ओम प्रकाश चौटाला अपने पिता के जेल जाने के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। वहीं जेबीटी घोटाला के दौरान जब वह तिहाड़ जेल गए, तो उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की थी। जेल में उन्होंने दिन-रात पढ़ाई की। इससे पहले वह 8वीं पास थे और उनका 10वीं पास करने का सपना था। ओम प्रकाश चौटाला के इसी जज्बे पर एक फिल्म भी बनी है। इस फिल्म का नाम ‘दसवीं’ है और इस फिल्म में अभिषेक बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई।
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा था। कई बार हरियाणा के सीएम बनने के बाद भी उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं अब उनके परिवार का राजनीति में दबदबा है। बता दें कि 20 दिसंबर 2024 को 89 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया था।
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक जीवन विवादों से घिरा रहा, लेकिन वे हरियाणा के राजनीति के एक अहम शख्सियत रहे हैं। चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाई, खासकर जाट समुदाय के बीच उनकी अहम स्थिति थी।उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए और विकास की दिशा में काम किया, हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी छवि को प्रभावित किया।