
नई दिल्ली। उत्तराखंड चारधाम आने वाले तीर्थ यात्रियों को साइबर ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। साइबर ठगों की पहचान करने के साथ ही अधिकृत वेबसाइट्स से ही ऑनलाइन बुकिंग करने की सलाह दी जाती है। गंगोत्री-यमुनोत्री, बदरीनाथ चारों धामों के कपाट खुलने की तारीखों के ऐलान के साथ ही साइबर ठग भी एक्टिव हो गए हैं। चारधाम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर हेली सेवा बुकिंग तक के लिए तीर्थ यात्रियों को ठगा जा रहा है।
साइबर ठग अब चारधाम के तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) ने इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी किया। आई4सी ने कहा कि ठग फर्जी वेबसाइट, सोशल मीडिया पर फर्जी पेज, व्हाट्सऐप अकाउंट के साथ गूगल और फेसबुक पर प्रायोजित विज्ञापनों से लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं।
आई4सी ने कहा है कि ठग तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को केदारनाथ और चारधाम यात्रा की हेलीकॉप्टर बुकिंग, गेस्ट हाउस, होटल, कैब बुकिंग के बहाने उनके बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं।फर्जी वेबसाइट या पेज के जरिए बुकिंग के लिए पैसा जमा करने के बाद उन्हें बुकिंग से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिलती है।
आई4सी ने कहा, किसी प्लेटफॉर्म पर पैसे का भुगतान करने से पहले कई स्तर पर उसका सत्यान जरूरी है। गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, एक्स समेत अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए बुकिंग न ही करें तो बेहतर होगा। साथ ही अपील की कि बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।
उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान हो चुका है। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे। केदारनाथ हेलीसेवा ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर सबसे ज्यादा साइबर ठगी होती है। तीर्थ यात्रियों को ठगने के लिए साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का जमकर सहारा ले रहे हैं।
आई4सी ने कहा है कि साइबर ठगी, फर्जी विज्ञापन, वेबसाइट या लिंक पर संदेह हो तो इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं। फर्जीवाड़े का शिकार होने पर 1930 पर फोन पर पूरी जानकारी के साथ उसकी शिकायत करें।