फिरोजाबाद का नया नाम चंद्रनगर होने जा रहा है। गुरुवार को हुई नगर निगम कार्य समिति में नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। प्रस्ताव को 12 में 11 सदस्यों का समर्थन मिला है।वहीं योगी सरकार से भी जिले का नाम बदलने को लेकर मंजूरी मिलने की खबर आ रही है।
निगम कार्य समिति की बैठक गुरुवार को जीवाराम हॉल में हुई। निर्धारित समय 11 बजे से करीब आधा घंटा देरी से शुरू हुई कार्यसमिति की बैठक में रखे गए 17 में से भवन कर संशोधन संबंधी एक प्रस्ताव खारिज हो गया। निगम कार्यकारिणी की बैठक में शहर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कर प्रस्तावों को पास किया गया। इसमें महत्वपूर्ण बात यह थी कि दो साल पहले जिला पंचायत में फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर के नाम से पास होने के बाद अब नगर निगम में भी फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने पर हरी झंडी दे दी गई। नाम परिवर्तन के विरोध में 12 में से कार्यकारिणी के एक सदस्य सपा के पार्षद रेहान ने विरोध किया। इसके साथ ही भवनों के गृहकर का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। सभी कार्यकारिणी के सदस्यों ने इसे खारिज कर दिया।
नामांतरण पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को समिति की मंजूरी मिल गई। कार्य समिति की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में बनने वाले टाॅयलेट निर्माण की लागत, शहर की साफ-सफाई, अतिक्रमण संबंधी प्रकरणों पर सदन में बहस भी हुई। जिस पर नगर आयुक्त घनश्याम मीणा एवं उप सभापति श्याम सिंह यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं कार्य समिति ने 15वें वित्त आयोग से होने वाले नवनिर्माण कार्यों से जुड़े प्रस्तावों को भी अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि उप सभापति व अन्य सदस्यों ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर पैनी नजर रखने एवं गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों पर सख्ती किए जाने की बात कही।
इन मुद्दों पर हुआ मंथन, मिला आश्वासन
-जलकल परिसर में रखीं महापुरुषों की प्रतिमाएं उपयुक्त जगह होंगी स्थापित।
-वार्ड व मोहल्ला में स्थापित निष्प्रोज्य हैंडपंप हटाए जाएंगे।
-शहर में बाजारों, गली और मुख्य सड़कों पर व्याप्त अतिक्रमण के विरुद्ध होगी सख्ती।
-20 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माण कार्य टीएसी जांच से होंगे मुक्त।
-कोटला रोड, जलेसर रोड, गंज बाजार व अन्य जगहों पर आवासीय भवनों में बनीं दुकानों व प्रतिष्ठानों का होगा सर्वे।
-जलकल विभाग में पार्षद कक्ष बनाने व रात्रिकालीन सुरक्षा पिकेट का आश्वासन।
इन गड़बडियों पर तल्ख रहे पार्षदों के तेवर
-चनौरा खत्ताघर से प्रतिदिन लाखों रुपये का कूड़ा चोरी का प्रकरण।
-स्मार्ट रोड निर्माण में मौरंग व बालू की जगह खपाई जा रही डस्ट।
-पार्षदों की सुनवाई नहीं करने वाले अफसरों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग।
-उपसभपति व क्षेत्रीय पार्षद द्वारा कहे जाने के बावजूद सुहागनगर से तहसील सदर तक टाॅयलेट निर्माण नहीं कराए जाने।
-डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को नामित संस्था के कार्याें की जांच को कमेटी बनाने की मांग।
-स्मार्ट रोड पर सीमेंट के साथ डस्ट इस्तेमाल की भी होगी जांच।