गंगासागर की तरफ देखती भी नहीं केंद्र सरकार : ममता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर द्वीप का दौरा किया, जहां वार्षिक मकर संक्रांति तीर्थयात्रा का आयोजन होने जा रहा है। इस यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान के लिए जुटने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रा की व्यवस्था की व्यापक देखरेख के लिए प्रौद्योगिकी, ड्रोन और उपग्रह इमेजरी की सहायता से एक मेगा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिससे स्वच्छता, परिवहन, और भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही, रसद प्रबंधन को भी सही तरीके से लागू करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।

ममता बनर्जी ने इस मौके पर केंद्र सरकार पर कई बड़े आरोप भी लगाए। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप करने और राज्य को उचित सहयोग नहीं देने का आरोप लगाया। साथ ही, ममता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने गंगासागर तीर्थ यात्रा की व्यवस्था के लिए जो कदम उठाए हैं, वे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे।

ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को पानी के रास्ते गंगासागर आना पड़ता है। इसके लिए केंद्र सरकार को पुल बनाना था लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार ने पुल बनाने के लिए टेंडर मंगाया है। इसके बाद काफी सुविधा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि गंगासागर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद हो। हमने पुलिस, PWD, PHE समेत सभी विभागों के साथ बैठकें की हैं। हमने समन्वय बैठकें भी की हैं जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। 

ममता ने आगे कहा कि केंद्र सरकार कुंभ मेले में हजारों करोड़ देकर सहयोग करती है लेकिन गंगासागर की तरफ वे देखते भी नहीं। उन्होंने कहा कि गंगासागर के एक तरफ सुंदरबन है, एक तरफ अरण्य, एक तरफ समुद्र, मंदिर और श्रद्धालु हैं, यह बहुत अद्भुत है। वहीं, ममता बनर्जी पड़ोसी देश बांग्लादेश की जेल से हाल ही में रिहा हुए राज्य के 95 मछुआरों को सम्मानित करेंगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इस बात की प्रबल संभावना है कि मुख्यमंत्री सम्मान समारोह के दौरान मछुआरों को कुछ मुआवजा भी देंगी। 

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