केंद्र ने एचएमपीवी से सुरक्षा के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और इसके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की स्थिति की समीक्षा की। राज्यों को निवारक उपायों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है। राज्यों को ILI/SARI निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की भी सलाह दी गई है।

HMPV वायरस के लक्षण काफी हद तक कोविड-19 जैसे हैं। संक्रमित बच्चों में सर्दी, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण देखे गए। यह वायरस खासतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित कर रहा है। 2 साल से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों पर इसका प्रभाव गंभीर हो सकता है।

HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा या वैक्सीन नहीं है। सामान्य तौर पर इसका प्रभाव हल्का होता है और इसे घर पर आराम से प्रबंधित किया जा सकता है। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और स्टेरॉयड्स का उपयोग किया जाता है।

कोरोना वायरस जैसे लक्षण उत्पन्न करने वाले HMPV (ह्यूमन मेटा-पन्यूमोवायरस) के मामलों में वृद्धि हो रही है। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 2 नए मामले सामने आए। जिससे देश में कुल मामलों की संख्या 8 हो गई है। नागपुर में संक्रमित पाए गए बच्चों में एक 13 वर्षीय लड़की और 7 वर्षीय लड़का शामिल हैं।

दोनों को सर्दी और बुखार की शिकायत थी। प्राइवेट लैब में हुई जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि, उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी और इलाज के बाद उनकी स्थिति नियंत्रण में है। इन घटनाओं के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह वायरस सामान्य है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

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