
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने शुक्रवार को बताया कि भारत अब आने वाले कुछ ही समय में नई उड़ान भरने के लिए तैयार है। विकास की दिशा में अग्रसर भारत में भी अब कार्बन फाइबर का उत्पादन शुरू होगा। कार्बन फाइबर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
इसका उपयोग अंतरिक्ष, सिविल इंजीनियरिंग और रक्षा क्षेत्र में किया जाता है। मूल रूप से ये धातू के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भारत में कार्बन फाइबर का उत्पादन अभी नहीं किया जाता है। कार्बन फाइबर का उत्पादन करने में अमेरिका, फ्रांस, जापान और जर्मनी जैसे देश अग्रणी है।
जानकारी के मुताबिक इसका उपयोग अंतरिक्ष, सिविल इंजीनियरिंग और रक्षा क्षेत्र में किया जाता है। मूल रूप से ये धातू के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भारत में कार्बन फाइबर का उत्पादन अभी नहीं किया जाता है। कार्बन फाइबर का उत्पादन करने में अमेरिका, फ्रांस, जापान और जर्मनी जैसे देश अग्रणी है। भारत कार्बन फाइबर के लिए इन्हीं देशों से आयात पर निर्भर है।
बता दें कि यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित कार्बन सीमा समायोजन तंत्र कार्बन आयात पर अंतर्निहित कर है। माना जा रहा है कि ये वर्ष 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इस संबंध में गिरिराज सिंह ने जानकारी दी कि आने वाले दिन प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकी कपड़े के हैं… मुझे पूरा विश्वास है कि 2025-26 में आला कार्बन फाइबर उत्पाद भी भारत के पास होगा।” मंत्री ने जोर देकर कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से स्वच्छता क्षेत्र में ‘आयात को संतुलित’ किया गया है।
सिंह ने कहा, ‘‘पहले हम डायपर आयात करते थे। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद, जिसने उद्योग में उत्साह पैदा किया है।’’ इससे पहले उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित तकनीकी वस्त्र कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार भारत के तकनीकी वस्त्र उद्योग के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है और इसके लिए उसने राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन, एमएमएफ फैब्रिक, एमएमएफ परिधान और तकनीकी वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना आदि जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं।