
नई दिल्ली। भारतीय कप्तान शुभमन गिल को अपनी कप्तानी की पहली ही सीरीज में अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा है, जहां इंग्लैंड के खिलाफ अब तक तीनों टेस्ट काफी करीबी रहे हैं, जिनमें आखिरी दिन नतीजा निकला है। हालांकि, अपनी पहली सीरीज के बीच में ही शुभमन गिल थका हुआ महसूस कर रहे हैं। गिल ने कप्तान के तौर पर इसे शारीरिक थकान से ज्यादा मानसिक थकान करार दिया है।
यह सीरीज अब तब बेहद करीबी रही है और लॉर्ड्स में मैदान (Lord’s ground) पर हुए दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच तनाव ने प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ा दिया है। भारत पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पीछे है, लेकिन शुभमन गिल अपनी कप्तानी का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। उन्हें अगले दो टेस्ट में किस्मत का अधिक साथ मिलने की उम्मीद है। सीरीज का चौथा मुकाबला आज यानी बुधवार 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में शुरू हो रहा है।
गिल ने मंगलवार को मैच की पूर्व संध्या पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो शारीरिक रूप से यह कम थकाऊ रहा है, मानसिक रूप से ज्यादा थकाऊ है। जब आप एक खिलाड़ी के रूप में वहां होते हैं तो आप बस मुकाबले के बारे में ही सोच रहे होते हैं। आप कुछ होने का इंतजार कर रहे होते हैं, गेंद आपके पास आने का इंतजार कर रहे होते हैं। जब आप कप्तान होते हैं तो आपको और अधिक सोचना पड़ता है। आप दूसरे के बारे में भी सोचते हैं। इसलिए आप मानसिक रूप से खेल से अधिक जुड़े होते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ‘‘ मैं कहूंगा कि मानसिक रूप से यह ज्यादा थकान भरा रहा है, शारीरिक रूप से यह वास्तव में कम थकाऊ रहा है।’’ शुभमन गिल को इस सीरीज से ठीक पहले भारत की टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था, जो आखिरी सीरीज में भारतीय टीम के कप्तान थे। वहीं, जसप्रीत बुमराह फिटनेस और वर्कलोड के कारण कप्तानी से दूर रहे। ऐसे में बीसीसीआई ने इस युवा खिलाड़ी के कंधों पर कप्तानी का बोझ डाला, जिसे अब तक उन्होंने अच्छी तरह संभाला है।