क्या चुनाव आयुक्त इलेक्शन लड़ सकते हैं?

लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा देकर विवाद खड़ा कर दिया है। अब अरुण गोयल के इस्तीफे पर सियासी संग्राम छिड़ा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने इस्तीफे पर सवाल उठाए।
इस्तीफे का कारण चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मतभेद बताए जा रहे हैं। वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि अरुण गोयल लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इसलिए उन्होंने चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या अरुण गोयल चुनाव लड़ सकते हैं?

चुनाव आयुक्त का पद छोड़ने वाले अरुण गोयल के लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने की अटकलें हैं और वे चुनाव लड़ सकते हैं। भारतीय संविधान की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, वे अब चुनाव लड़ने के योग्य हो गए हैं। क्योंकि संविधान के अनुसार, सरकारी पद पर रहते हुए कोई शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता है, लेकिन अरुण गोयल सरकारी पद छोड़ चुके हैं।

इसलिए वे अब चुनाव लड़ सकते हैं। उनके इस्तीफा दिए जाने के बाद 3 सदस्यीय चुनाव आयोग में अब 2 पद खाली हो गए हैं। इससे पहले चुनाव आयुक्त अनूप कुमार पांडे 15 फरवरी 2024 को रिटायर हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक, 1985 बैच के IAS अफसर और चुनाव आयुक्त रह चुके अरुण गोयल पंजाब से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने के इच्छुक हैं। उनकी नजदीकियां शिरोमणि अकाली दल के साथ हैं। उन्होंने भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच सुलह कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

शिरोमणि अकाली दल भाजपा के NDA गठबंधन का सहयोगी थी, लेकिन किसान आंदोलन के चलते दोनों के बीच दरार आ गई थी। उस समय अरुण गोयल ने मध्यस्थता करके दोनों पार्टियों के बीच सुलह कराई थी। इसी का तोहफा उन्हें मिलने की संभावना राजनीतिक विशेषज्ञों ने जताई है। अब यह तोहफा भाजपा देगी या अकाली दल वक्त बताएगा? 

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