लखनऊ : हाई कोर्ट ने अकबर नगर में ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व एलडीए से कहा कि पहले अकबर नगर के लोगों को पुनर्वास योजना में आवेदन के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाए। लोग जब नए भवनों में चले जाएं, उसके बाद उनके मकान एलडीए अपने कब्जे में ले सकता है।
एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने गुरुवार को यहां सुबह 10 बजे से ही इमारतें तोड़नी शुरू कर दी थीं, लेकिन करीब तीन बजे कोर्ट का आदेश आते ही बुलडोजर रुक गए। कोर्ट ने अपने आदेश में कार्यवाही को लेकर अफसरों की जल्दबाजी पर भी सख्त टिप्पणी की। जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने कहा कि याची जमीन पर अपना स्वामित्व साबित नहीं कर सके हैं, लेकिन वे उस पर लंबे से काबिज हैं, यह साबित है। ऐसे में बिना उन्हें पुनर्वासित किए कार्यवाही नहीं चल सकती।
अकबरनगर में गुरुवार को सरकारी अमले और लोगों के बीच सात घंटे तक मकान तोड़ने और बचाने की जंग चली। अफसर सुबह आठ बजे ही फोर्स और बुलडोजर लेकर पहुंच गए। हाई कोर्ट का फैसला आने तक घरों के बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए और अयोध्या रोड पर ताज फर्नीचर, सम्राट समेत करीब दो दर्जन शोरूम के अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए गए। इस बीच कई लोगों ने सामान समेटकर अकबरनगर छोड़ दिया। बाकी लोग कार्रवाई के विरोध में डटे रहे। फिर दोपहर करीब तीन बजे हाई कोर्ट से स्टे मिलने का पता चला तो लोगों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले प्रशासन ने अकबरनगर में बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए। स्थानीय निवासी वसीम खान ने बताया कि लेसा टीम ने कॉलोनी में लगा ट्रांसफॉर्मर भी हटा दिया। फिर नगर निगम टीम ने खंभों पर लगे बिजली के तार उतार लिए। नसीमा बानो ने बताया कि पानी का कनेक्शन कटने से लोगों को सरकारी हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ा। लोगों ने कनेक्शन जोड़ने की गुहार भी लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में कई लोग अंधेरे के बीच सामान समेटकर चले गए।
अकबरनगर में 111 दुकानें और शोरूम हैं। इनमें फर्नीचर के भी कई शोरूम हैं। अफसरों ने पहले शोरूम ढहाने के निर्देश दिए, लेकिन बुलडोजर बढ़ते ही व्यापारी नेता मौके पर पहुंचने लगे। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता की मांग पर एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने शोरूम में रखा सामान निकालने के कुछ वक्त दिया। एक घंटे बाद लखनऊ व्यापार मंडल के पदाधिकारी भी पहुंच गए। कुछ देर बाद भूतनाथ व्यापार मंडल के पदाधिकारी भी पहुंच गए।
कार्रवाई के दौरान अयोध्या रोड पर बुलडोजर के साथ बड़ी तादाद में लोडिंग वाहन भी खड़े रहे। बादशाहनगर से लेखराज मेट्रो स्टेशन तक सड़क के दोनों किनारों पर हाफ डाले नजर आए, जिनमें लोग अपना सामान लादते रहे। इसके साथ सड़क पर हर तरफ लोगों की गृहस्थी का सामान रखा रहा।
पुलिस को कार्रवाई देखने वालों को हटाने में भई मशक्कत करनी पड़ी। कुकरैल ओवरब्रिज पर भी लोग खड़े होकर लोग वाहन रोक-रोककर घटनाक्रम देखकर फोटो खींचते रहे। पुलिस और एलडीए की टीम उन्हें हटने के लिए अनाउंसमेंट करती रही।
अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव ने बताया कि कार्रवाई के दौरान लोगों के सामान ढोने के लिए सभी जोन से वाहन मंगवाए गए थे। रात में लाइटिंग के इंतजाम के लिए पांच जेनरेटर भी मंगवाए गए थे, हालांकि दोपहर में ये जेनरेटर वापस आरआर कार्यशाला भेज दिए गए।एलडीए ने 10 बुलडोजर, 4 पोकलैंड और लोडिंग वाहन खड़े करवा दिए। लेसा और नगर निगम ने घरों के बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए।
प्रशासन, एलडीए और नगर निगम के अफसरों के साथ पुलिसकर्मी, पीएसी और आरपीएफ के जवान पहुंचने लगे। निशांतगंज से लेखराज जाने वाली सड़क पर दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगा दी गई।
एलडीए वीसी के साथ जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने अकबरनगर का दौरा किया। अनाउंसमेंट कर लोगों को मकान-दुकान खाली करने के निर्देश दिए। कई मकान-दुकान पर निशान लगाए गए।
एलडीए दस्ते ने अयोध्या रोड पर दुकानों के आगे बने टिनशेड तोड़ने शुरू किए। लोग कार्रवाई का विरोध करने लगे।
विरोध में लोग सड़क पर आ गए और नारेबाजी करने लगे। एक युवक से पुलिसकर्मियों की नोकझोंक हो गई। युवक ने डीसीपी का कॉलर पकड़ लिया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा।
एलडीए ने ध्वस्तीकरण तेज किया। अनाउंसमेंट कर शोरूम मालिकों सामान निकालने की हिदायत देते रहे। इस पर कुछ लोगों ने खुद सामान निकलना शुरू किया।