लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल है बड़ी उपलब्धि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की लखनऊ अब भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयां देने जा रहा है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण सरोजनीनगर क्षेत्र के भटगांव में स्थित अत्याधुनिक संयंत्र में हो रहा है। यह संयंत्र डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड का हिस्सा है और इसे ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा स्थापित किया गया है, जो भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroyenia) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। यह परियोजना लखनऊ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

इस फैक्ट्री में दुनिया की सबसे तेज और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण होगा। 11 मई को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया गया था। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली शामिल हुए थे, जबकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे थे। दरअसल, ब्रह्मोस मिसाइल प्लांट लखनऊ-कानपुर रोड पर डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत विकसित किया गया है। यह संयंत्र लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र के भटगांव गांव में स्थित है। इस जगह को विशेष रूप से उच्च तकनीक वाले रक्षा उपकरणों और मिसाइलों के निर्माण के लिए तैयार किया गया है।

इस प्रोजेक्ट की आधारशिला दिसंबर 2021 में रखी गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर भूमि मुफ्त में उपलब्ध करवाई थी। अब केवल 3.5 सालों में यह प्लांट निर्माण से उत्पादन के चरण में पहुंच चुका है। संयंत्र की निर्माण लागत 300 करोड़ रुपये है, जिसमें जमीन की लागत शामिल नहीं है। यह मिसाइल परियोजना ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा संचालित की जा रही है, जो कि भारत के DRDO और रूस की NPOM का संयुक्त उपक्रम है। इसमें भारत की 50.5% और रूस की 49.5% हिस्सेदारी है। मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्कवा नदियों के नाम से लिया गया है।

वहीं, प्रदेश सरकार और रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस संयंत्र से लखनऊ और आसपास के युवाओं को रोजगार के हजारों अवसर मिलेंगे। साथ ही इससे लखनऊ की पहचान एक रक्षा उत्पादन हब के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी। यह परियोजना पीएम मोदी द्वारा 2018 में घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा का हिस्सा है। इस गलियारे में लखनऊ के अलावा कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट जैसे छह नोड शामिल हैं। इसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण और निवेश को बढ़ावा देना है। यूपी के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह संयंत्र देश की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को मजबूती देगा।

A second group of patients includes those taking medications interfering with vasoconstrictor mechanisms, such as beta-blockers or sympathetic outflow blocking agents and psychiatric medication 6.

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