दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सोमवार को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी छठे समन में शामिल नहीं हुए और कहा कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जांच एजेंसी को कोई भी नया समन जारी करने से पहले अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम उन्हें कानून के मुताबिक जवाब दे रहे हैं। अब उन्होंने केस दर्ज कराया है। ईडी को कोई भी नया समन जारी करने से पहले अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
ईडी सूत्रों ने दावा किया कि जांच एजेंसी आप सुप्रीमो को नया समन जारी करेगी। एजेंसी ने जानबूझकर जारी किए गए पहले तीन समन की अवज्ञा करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 174 के तहत शिकायत दर्ज की है। एक स्थानीय अदालत ने प्रथम दृष्टया आप संयोजक को उत्पाद शुल्क नीति मामले में उन्हें जारी किए गए पहले नोटिस की “अवज्ञा” करने का दोषी ठहराया है और सातवें समन की मांग की है। दिल्ली की एक अदालत ने पिछले हफ्ते केजरीवाल को घोटाले के मामले में उसके समन की अवज्ञा करने के लिए ईडी द्वारा दायर शिकायत के संबंध में पेश होने से छूट दे दी थी।
वहीं, भाजपा ने केजरीवाल पर पलटवार किया है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि IPC 174 के तहत अगर आप जाँच एजेंसी के सामने पेश नहीं होते हैं तो यह एक क्रिमिनल ऑफ़ेन्स है और यह क्रिमिनल ऑफ़ेन्स केजरीवाल छठी बार कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल कानून से खेल रहे हैं, ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि वह ‘भगोड़ा’ नंबर वन बन गए हैं। शराब घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में उसके पास छिपाने के लिए कुछ है… अदालत का कहना है कि समन उचित हैं और आपको जाकर इन समन में शामिल होना चाहिए। लेकिन फिर भी आप समन को अवैध बता रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस पार्टी भी कह चुकी है कि शराब घोटाले में आपको कई सवालों के जवाब देने हैं। तो क्या वे भी प्रतिशोध और प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं?…अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है। आपको स्वयं को एजेंसी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।