
नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति के बीच एनडीए सरकार का जाति जनगणना कराने का ऐलान विपक्ष खासकर कांग्रेस के ‘मुंह से निवाला छिन लेना’ मुहावरे को चरितार्थ करता है। इस मुहावरे का मतलब किसी चीज को पाने से पहले ही उस व्यक्ति से छीन लेना होता है, जिसे लेकर उसकी बड़ी हसरत होती है और वह उसे पाने के लिए बड़ी मेहनत कर रहा होता है।
कांग्रेस सहित समाजवादी पार्टी, राजद, बसपा, बीजद और NCP शरद पवार जैसी पार्टियां देश में जातिगत जनगणना की मांग कर रही हैं। विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार मुखर होकर जाति जनगणना की मांग करते रहे हैं। जबकि मोदी सरकार पहले जाति जनगणना के पक्ष में नहीं थी। एनडीए सरकार ने विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाए कि कांग्रेस जातिगत जनगणना के जरिए देश को बांटने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस की जातिगत जनगणना की मांग के पीछे अन्य पिछड़े वर्ग के उन मतदाताओं को अपनी ओर खिंचना था जो किसी जमाने में उसका वोटर हुआ करता था। लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के उभार और बीजेपी की जाति की राजनीति ने कांग्रेस को हाशिये पर ला दिया। आजादी के बाद जो जनसमर्थन कांग्रेस को मिला, वह धीरे धीरे खिसकने लगा और इतना खिसका कि ज्यादातर राज्यों में सत्ता से बाहर हो गई। इसका असर केंद्र की राजनीति में दिखा और वह विपक्ष की पार्टी बन गई। माना जाता है कि देश की आबादी में OBC की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, यही वजह है कांग्रेस काफी समय से इन मतदाता वर्ग को अपने पाले में लाना चाहती थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने अपनी नई चाल से कांग्रेस के हाथ से एक और मुद्दा छिन लिया है।
पिछले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को समझने के लिए देश भर में जाति जनगणना करवाएगी।’ राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी जातिगत जनगणना करवाने का वादा किया। लेकिन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जैसे ही जातिगत जनगणना का ऐलान किया, वैसे ही राहुल गांधी ने कहा कि वह सरकार के इस फैसला का समर्थन करते हैं और इसे कांग्रेस की जीत बताया।
मगर पॉलिटिकल एनालिस्ट्स मान रहे हैं कि बीजेपी ने एक झटके में कांग्रेस से उसका एक बड़ा मुद्दा छीन लिया है। यह साफ है कि बीजेपी ने केवल कांग्रेस के ट्रेडिशनल इश्यूज को नए तरीके से पेश नहीं किया है, बल्कि उन्हें आधुनिक टेक्नोलॉजी और डिलीवरी सिस्टम के ज़रिए हथिया लिया।