आईटीआर 3 और आईटीआर 4 फॉर्म में बड़ा बदलाव

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने आईटीआर-3 और आईटीआर-4 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है। इन फॉर्मों में अब पांच नए पेशेवर कोड जोड़े गए हैं। इनमें सोशल मीडिया और यूट्यूब से कमाई करने वाले (कंटेंट क्रिएटर, इन्फ्लुएंसर, यूट्यूबर), वायदा और विकल्प (F&O) ट्रेडर (शेयर/कमोडिटी बाजार में), कमीशन एजेंट,सट्टा कारोबार करने वाले और शेयर खरीद-बिक्री करने वाले शामिल हैं।

अब इन पेशेवरों को अपनी आय का पूरा ब्योरा देना होगा। उन्हें अपने काम के हिसाब से सही फॉर्म (आईटीआर-3 या आईटीआर-4) भरना होगा। फॉर्म भरने के ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीकों में ये नए कोड पहले ही जोड़ दिए गए हैं।

इनके लिए नया कोड 16021 बनाया गया है। यह कोड उन लोगों के लिए है जो सोशल मीडिया पर प्रमोशन, विज्ञापन या डिजिटल कंटेंट बनाकर कमाई करते हैं। इन्फ्लुएंसर्स को अपनी इनकम के स्तर और टैक्स चुनाव के आधार पर आईटीआर-3 या आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म में से एक भरना होगा। अगर कोई इन्फ्लुएंसर अनुमानित आय पर टैक्स (सेक्शन 44ADA) का फायदा लेना चाहता है, तो उसे आईटीआर-4 भरना होगा। इससे ऑनलाइन कोच, ब्लॉगर्स जैसे डिजिटल कमाने वालों के टैक्स भरने में पारदर्शिता बढ़ेगी।

F&O ट्रेडर्स के लिए नया कोड 21010 जोड़ा गया है। इन ट्रेडर्स को आईटीआर-3 फॉर्म में अपनी आय, लाभ और हानि का पूरा ब्योरा देना होगा। इससे विभाग को उनकी असली कमाई का पता चलेगा और टैक्स वसूली बेहतर होगी।

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