भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से रहे भूपेंद्र यादव को लगातार दूसरी बार मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार जैसे दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बार उन्होंने राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। तो वहीं मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में चौधरी राज्यसभा सदस्य थे। जहाँ उन्हें कई अहम समितियों के सदस्य के साथ-साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय दिया गया था।
भूपेन्द्र यादव का जन्म 30 जून 1969 को राजस्थान के अजमेर में हुआ। भूपेंद्र यादव मूल रूप से गुरुग्राम जिले के गांव जमालपुर के रहने वाले हैं। वे राजस्थान से राज्यसभा में दो बार पहुंच चुके हैं। उनके पिता कदम सिंह यादव रेलवे में नौकरी करते थे। वे कई वर्षों तक अजमेर में पदस्थ रहे। इसके चलते उनका पूरा परिवार राजस्थान के अजमेर ही वर्षों तक रहा। भूपेंद्र यादव ने स्कूल से लेकर कालेज तक की शिक्षा राजस्थान में ही ग्रहण की। 1993 में सेवानिवृत्ति के बाद परिवार पैतृक गांव में रहने लगा। भूपेंद्र स्कूल में पढ़ाई करने के साथ ही संघ से जुड़े रहे। संघ के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। कालेज में आने के बाद छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह धीरे-धीरे भाजपा की राजनीति में सक्रिय होने लगे थे। कई वर्षों तक अधिवक्ता परिषद में काम किया। फिर भाजपा के राष्ट्रीय बने। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे। उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री और बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री अजमेर के सरकारी कॉलेज से हासिल की और राजनीतिक की ओर बढ़े। भूपेन्द्र यादव का राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू हुआ। वह साल 2000 में स्टूडेंट पॉलिटिक्स में काफी एक्टिव थे। उन्हें वकीलों के संगठन अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का महासचिव बनाया गया और वह 2009 तक इस पद पर रहे।
अपना राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले वह सुप्रीम कोर्ट में एक वकील थे और महत्वपूर्ण आयोगों के लिए सरकारी वकील के रूप में भी काम करते रहे। भूपेन्द्र यादव को 2010 में तत्कालीन राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नियुक्त किया था। 4 अप्रैल 2012 को उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया। पार्टी के स्ट्रेटेजी वॉर रूम को लेकर उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। जुलाई 2019 में यादव को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन और श्रम और रोजगार के कैबिनेट मंत्री के रूप में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इस बार अलवर लोकसभा में उनका मुकाबला कांग्रेस विधायक ललित यादव से हुआ।