
महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आत्मा द्वारा निर्देशित तर्कसंगत निर्णय लेने के बारे में बात की। उन्होंने अपने विचारों को साझा करते हुए प्रसिद्ध अमेरिकी भौतिक विज्ञानी रॉबर्ट जे ओपेनहाइमर का कोटेशन साझा किया, जिसमें ओपेनहाइमर ने भगवद गीता का सम्मान किया था।
आनंद महिंद्रा ने ओपेनहाइमर के उद्धरण को उद्धृत करते हुए कहा कि यह ध्यान रखना उपयोगी है कि कुछ सबसे तर्कसंगत विचार तब सबसे प्रभावशाली हो सकते हैं, जब उन्हें आत्मा द्वारा निर्देशित किया जाता है। यह संदेश महिंद्रा ने एक गहरी और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दिया, जिसमें यह सुझाव दिया गया कि निर्णय लेने में केवल बौद्धिक तर्क नहीं, बल्कि आत्मिक मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आनंद महिंद्रा ने अपने पोस्ट में कहा कि भगवद् गीता सबसे सुंदर दार्शनिक गीत है जो किसी भी ज्ञात भाषा में मौजूद है- रॉबर्ट ओपेनहाइमर इतिहास के सबसे प्रसिद्ध भौतिकविदों में से एक ने गीता का सम्मान किया। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपके कुछ सबसे तर्कसंगत विचार भी तब सबसे प्रभावशाली हो सकते हैं, जब उन्हें आपके आत्मा द्वारा मार्गदर्शन मिले।
आनंद महिंद्रा का यह विचार हमें यह याद दिलाता है कि तर्क और आध्यात्मिक ज्ञान दोनों को संतुलित करके हम जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में एक गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं, जो केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और वैश्विक स्तर पर भी प्रभावशाली हो सकते हैं।
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