
होलिका दहन को लेकर इस बार कंफ्यूजन बना हुआ है। ऐसे भद्रा लगने के कारण हुआ है। दरअसल, 13 मार्च और 14 मार्च को हीला का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है। इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया जाता है। बता दें कि इस बार होलिका दहन 13 को है हालांकि, शास्त्रों के अनुसार, भद्राकाल में कुछ काम को करना वर्जित माना गया है।
भद्रा एक विशेष काल है जो किसी भी शुभ कार्य में आड़े आ सकता है। पंचांग के अनुसार भद्रा वह समय है जब चंद्रमा किसी विशेष राशि में स्थित होता है और यह शुभ नहीं माना जाता है। यदि होलिका दहन के समय भद्रा लग जाए, तो यह समृद्धि और सुख-शांति में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
होलिका दहन एक ऐसी घटना है जो हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होती है, जो आमतौर पर होली से जुड़ी होती है। यह दिन बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और लोग इस दिन होलिका दहन करके बुराई का नाश करते हैं।



