
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में उस समय नया तूफान खड़ा हो गया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि फलकाटा शहर की एक बंगाली भाषी महिला को एनआरसी का नोटिस भेजा गया है। हालांकि, जिस महिला का जिक्र हुआ है, उन्होंने किसी भी तरह के नोटिस मिलने से साफ इनकार कर दिया है। महिला का कहना है कि उसे एनआरसी पर सीएम ममता बनर्जी के दावे की जानकारी मीडिया कर्मियों से मिली।
महिला का नाम अंजलि शील बताया जा रहा है। वह एक गृहिणी हैं। अंजलि शील ने बताया कि उन्हें इस बारे में सबसे पहले एक मीडिया कर्मी ने फोन कर जानकारी दी। उनका कहना था, “मैंने कोई नोटिस नहीं पाया है। मुझे तो कल ही मीडिया के कॉल से पता चला कि मेरे नाम पर कोई नोटिस जारी हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, 25 साल से पश्चिम बंगाल के फलकाटा में अपने ससुराल में रह रहीं अंजलि शील ने पूरे मामले पर हैरानी जताई है। अंजलि शील मूल रूप से असम के धुबरी जिले की रहने वाली हैं। शादी के बाद वे पश्चिम बंगाल के फलकाटा आ गई थीं, जबकि उनके मायके वाले अभी भी असम में ही रहते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये सब क्यों हो रहा है। मैं इसमें क्यों घसीटी जा रही हूं, मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर कोई आधिकारिक नोटिस उनके नाम पर है, तो वो पहले पुलिस या सरकारी अधिकारियों के पास होना चाहिए था, न कि मीडिया के पास।
यह पूरा विवाद उस समय उठा है जब राज्य में मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया चल रही है, जिसे भाजपा अवैध प्रवासियों की पहचान का जरिया बता रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को केंद्र की एनआरसी नीति के खिलाफ उठाया और यहां तक कह दिया कि इस पर वे कानूनी कार्रवाई करेंगी। यह मामला अब राज्य की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जहां एनआरसी जैसे संवेदनशील विषय पर आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं।