प्रकाश सिंह बादल का प्रारंभिक लक्ष्य राज्य सिविल सेवा (PCS) में अधिकारी बनना था। वह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे और सरकारी सेवा में जाने का उनका सपना था। लेकिन उनके जीवन में एक मोड़ तब आया जब वह अकाली नेता ज्ञानी करतार सिंह के संपर्क में आए। ज्ञानी करतार सिंह का प्रभाव प्रकाश सिंह बादल पर इतना गहरा पड़ा कि उन्होंने सिविल सेवा की बजाय राजनीति को अपना रास्ता चुना। ज्ञानी करतार सिंह ने उन्हें सिखों के अधिकारों और पंजाब के राजनीतिक मुद्दों के प्रति जागरूक किया, जिससे बादल राजनीति में आकर समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित हुए। यह निर्णय बादल के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (SAD) से जुड़कर पंजाब की राजनीति में कदम रखा, और धीरे-धीरे उन्होंने अपने कड़े संघर्ष, नेतृत्व क्षमता और ईमानदारी के कारण लोगों में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को हुआ था। वे भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने पंजाब में अपनी गहरी छाप छोड़ी। पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बादल का राजनीति में बहुत लंबा और प्रभावशाली करियर रहा। उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक और महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं:
- सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफर
राजनीति में अपने सफर की शुरुआत उन्होंने अपने गांव के सरपंच के रूप में की थी। बादल ने पहले गांव की पंचायत और फिर ब्लॉक समिति के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। यह छोटे पद उनके लिए आगे बढ़ने की सीढ़ी साबित हुए। - खालसा पंथ के प्रति उनकी निष्ठा
बादल जी का खालसा पंथ से गहरा जुड़ाव था और वे हमेशा सिख धर्म के प्रचारक रहे। उनका जीवन सिख धर्म के सिद्धांतों और उनके गांव के लोगों के साथ जुड़ा हुआ था। उनका मानना था कि सिखों की सेवा करना उनका धर्म है। - साफ-सुथरी छवि
प्रकाश सिंह बादल को हमेशा एक ईमानदार और साफ-सुथरी छवि वाले नेता के रूप में जाना जाता है। राजनीति में रहते हुए उन्होंने कभी भी अपनी छवि को लेकर कोई समझौता नहीं किया। यह उनकी लोकप्रियता और आदर्शों की पहचान थी। - कई बार जेल यात्रा
वे कई बार अपने राजनीतिक संघर्षों के कारण जेल गए। विशेषकर पंजाब में उग्रवाद के समय उनकी गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन बादल ने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। - पंजाब की राजनीति में स्थिरता
बादल परिवार की राजनीतिक पकड़ पंजाब में काफी मजबूत थी। प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में सत्ता की कमान संभाली। उनके नेतृत्व में अकाली दल ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले लिए, जिनका प्रभाव आज भी पंजाब की राजनीति में देखा जाता है। - राष्ट्रीय राजनीति में भी प्रभाव
बादल जी का राष्ट्रीय राजनीति में भी प्रभाव था। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपने विचार व्यक्त किए और पंजाब के मुद्दों को हमेशा राष्ट्रीय मंच पर उठाया। वे एक समय में भारतीय लोकतंत्र के सशक्त नेताओं में से एक माने जाते थे। - बदलते समय के साथ उनका दृष्टिकोण
प्रकाश सिंह बादल ने हमेशा पंजाब की ग्रामीण राजनीति को समझा और शहरों में भी उनका प्रभाव था। वे समय के साथ चलने वाले नेता थे, जिन्होंने पंजाब के विकास के लिए कई योजनाओं को लागू किया।
प्रकाश सिंह बादल का जीवन संघर्षों और समर्पण की मिसाल है। कैसे एक नेता अपने जीवन के फैसलों से समाज में बदलाव ला सकता है। बादल जी का यह निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा का हिस्सा था, बल्कि पंजाब की राजनीति में भी एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में एक कदम था। उनकी नीतियां और कार्य पंजाबी राजनीति में एक बड़ा योगदान रही हैं। 8 दिसंबर को उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर उनका योगदान और जीवन का आदान-प्रदान याद किया जाता है।