
नई दिल्ली। लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स की जीत के हीरो रहे आशुतोष शर्मा कभी खुद डिप्रेशन के शिकार थे। मगर अब वह अपनी आतिशी बल्लेबाजी के दम पर दूसरी टीमों को डिप्रेशन देते नजर आ रहे हैं। आईपीएल 2024 में पंजाब किंग्स का हिस्सा रहे आशुतोष ने पिछले सीजन भी कुछ धमाकेदार पारी खेल हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था, मगर आईपीएल में कहा जाता है कि आपका असली टेस्ट दूसरे सीजन से शुरू होता है क्योंकि पहले सीजन में आपको कोई इतना जानता नहीं। आशुतोष ने लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ 66 रनों की मैच जिताऊ पारी खेल बता दिया है कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं।
LSG से मिले 210 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए एक समय पर दिल्ली की आधी टीम 65 रन पर पवेलियन लौट गई थी। तब किसी को नहीं लगा था कि टीम इतने बड़े स्कोर का पीछा कर पाएगी। उस समय मैदान पर उतरे आशुतोष ने पहले ट्रिस्टन स्टब्स और फिर विपराज निगम के साथ शानदार साझेदारियां कर टीम को जीत दिलाई। आशुतोष ने अपनी 66 रनों की पारी के दौरान 31 गेंदों का सामना किया जिसमें 5 चौके और इतने ही गगनचुंबी छक्के लगाए।
कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच चंद्रकांत पंडित कभी मध्यप्रदेश की टीम के मुख्य कोच हुआ करते थे। उस समय उन्हें परफॉर्मेंस करने के बावजूद टीम में जगह नहीं मिल रही थी और वह डिप्रेशन में जा रहे थे।
आशुतोष ने उस समय को याद करते हुए बताया था, “एक समय ऐसा भी था जब मुझे क्रिकेट के मैदान का अनुभव भी नहीं लेने दिया जाता था। मैं जिम जाता और अपने होटल के कमरे में आराम करता। मैं डिप्रेशन में डूबता जा रहा था और किसी ने मुझे नहीं बताया कि मेरी गलती क्या थी। मध्य प्रदेश में एक नया कोच शामिल हुआ था और उसकी पसंद-नापसंद बहुत सख्त थी और ट्रायल मैच में 45 गेंदों में 90 रन बनाने के बावजूद मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। था”
उन्होंने आगे कहा था, “मैंने पिछले सीजन में मुश्ताक अली ट्रॉफी में 6 मैचों में तीन फिफ्टी लगाई थी, फिर भी मुझे मैदान पर जाने की अनुमति नहीं दी गई। मैं बहुत डिप्रेस्ड था।”
उस दौरान आशुतोष को रेलवे से नौकरी का ऑफर मिला जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी। 2023 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान इस बल्लेबाज ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ सिर्फ 11 गेंदों में 50 रन बनाकर सबसे तेज टी20 फिफ्टी बनाने के युवराज सिंह के रिकॉर्ड की बराबरी की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
While their ranks including many great horsemen, their actions in combat were fought on foot.