
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज मीडिया और राजनीतिक नेताओं से शांत रहने की अपील की है, खासकर जब भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव को लेकर स्थिति संवेदनशील हो। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि उत्तेजक टिप्पणियाँ सीमा पर स्थित पश्चिम बंगाल राज्य में शांति को प्रभावित न करें।
ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता है, लेकिन किसी को भी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो बंगाल में असंतोष या हिंसा का कारण बने। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, या ईसाई किसी भी धर्म के लोग दंगे नहीं भड़काते, बल्कि असामाजिक तत्व ही ऐसी स्थिति उत्पन्न करते हैं।
मुख्यमंत्री ने अपील की कि हमें अपनी टिप्पणियों में संयम बरतना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बंगाल में स्थिति न बिगड़े। ममता बनर्जी का यह बयान तनावपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक माहौल में शांति बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे खुशी है कि यहां हिंदू और मुस्लिम अल्पसंख्यक दोनों बांग्लादेश में अत्याचारों का विरोध कर रहे हैं। यह हमारे धर्मनिरपेक्ष स्वभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक नेता रैली निकालना चाहते हैं। बनर्जी ने कहा कि मैंने उनसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा। कई लोग इसे एक अवसर के रूप में उपयोग करते हैं। वे एक और दंगा शुरू कर देंगे। हम दंगे नहीं चाहते, हम शांति चाहते हैं। हिंदू और मुस्लिम, सिख और ईसाई का खून एक ही है।
उन्होंने मीडिया के एक वर्ग से बांग्लादेश की स्थिति पर कवरेज में संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश या राजस्थान नहीं है कि हम आप पर प्रतिबंध लगा देंगे या गिरफ्तार कर लेंगे। लेकिन मैं आपसे अनुरोध करती हूं। कई फर्जी वीडियो प्रसारित हो रहे हैं। एक राजनीतिक दल आग भड़काने की कोशिश कर रहा है। दोनों समुदायों को इससे सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग इसका राजनीतिकरण करने की सोच रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि इससे आपके राज्य और वहां आपके दोस्तों को भी नुकसान होगा।
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश से कई लोग सीमावर्ती राज्य में आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ देख रही है। हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। जिनके पास पैसे हैं वे हवाई जहाज या रेलगाड़ी से आ रहे हैं, लेकिन गरीब नहीं आ सकते। हम सीमा नहीं संभालते. उन्हें (केंद्र को) जाने दीजिये। हम विदेश मामलों (मंत्रालय) के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते। उन्होंने कहा कि आइए हम दूसरी तरफ बंगालियों को राष्ट्रवाद, करुणा और स्नेह की भावना दिखाएं।