गीतमाला के होस्ट अमीन सयानी का निधन हो गया है। करीब 30 मिनट का कार्यक्रम और एक के बाद एक सदाबहार गीत सुनाकर श्रोताओं का मनोरंजन करना अमीन की जिंदगी का हिस्सा बन गया था। अमीन का जन्म साहित्य से जुड़े परिवार में हुआ था तो बचपन से ही कला जगत से उनका जुड़ाव रहा।
नमस्कार भाईयों और बहनो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं…कहकर श्रोताओं का दिल गुदगुदाने वाली आवाज आज हमेशा के लिए शांत हो गई। 30 मिनट का बिनाका गीतमाला शो होस्ट करके श्रोताओं का मनोरंजन करने वाले ऑल इंडिया रेडियो के मशहूर अनाउंसर अमीन सयानी नहीं रहे।
अमीन सयानी का आज 91 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। अमीन सयानी का जन्म साहित्य की दुनिया से जुड़े परिवार में हुआ था। उनकी मां रहबर नामक समाचार पत्र निकालती थीं। उनके भाई हामिद सयानी भी रेडियो अनाउंसर थे। अमीन सयानी ने 1952 में रेडियो सीलोन से अपना करियन शुरू किया था। सयानी रेडियो के सबसे बुजुर्ग अनाउंसरों में थे।
21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने पिता के देहांत की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार रात को उनके दिल का दौरा पड़ा था। परिजनों ने उन्हें मुंबई के HN रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। गुरुवार को मुंबई में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लिविंग रूम में लकड़ी के बड़े-से बॉक्स जैसे रेडियो सेटों से गूंजती आवाज, तब सुपरहिट हो गई थी, जब ऑल इंडिया रेडियो ने किसी भी बॉलीवुड प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। बिनाका गीतमाला, जो 30 मिनट के कार्यक्रम के रूप में 1952 में शुरू हुआ था। इसका नाम कई बार बदला गया- बिनाका गीतमाला, हिट परेड और सिबाका गीतमाला। अमीन सयानी ने ही अंग्रेजी से हिंदी में रेडियो प्रसारण का आगाज किया था। 1952 से 1994 तक प्रसारित होने वाले इस शो ने भारतीय रेडियो में क्रांति ला दी थी।
अमीन सयानी का करियर करीब 60 साल का रहा। इन 60 सालों में उन्होंने 54 हजार रेडियो प्रोग्राम किए। 19 हजार वॉयस ओवर दिए, जिनकी रिकॉर्डिंग ऑल इंडिया रेडियो में आजीवन मौजूद रहेगी। कहें तो अमीन सयानी की खनकती आवाज हमेशा जिंदा रहेगा। उन्होंने कई विज्ञापन भी किए। फिल्मों में किरदार भी निभाए।