
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन आईएसएस में रहने के बाद अपनी टीम के साथ वापस धरती पर लौट रहे हैं। वापसी से पहले ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान इसरो ने बड़ी खुशखबरी दी है। ISRO ने बताया कि Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु जो जिस मिशन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया था, उन्होंने सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। शुभांशु के सभी 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोग सफल रहे।
शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस में रहते हुए सात अहम वैज्ञानिक प्रयोग सफलतापूर्वक पूरे किए। इनमें भारतीय टार्डीग्रेड प्रजाति पर अध्ययन, मांसपेशियों के विकास (मायोजेनेसिस), मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण, सायनोबैक्टीरिया और माइक्रोएल्गी पर रिसर्च, फसल बीजों की प्रतिक्रिया और वॉयजर डिस्प्ले उपकरण का परीक्षण शामिल था। ये सभी प्रयोग अंतरिक्ष में जीवन, खेती और जैव विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के जवाब तलाशने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माने जा रहे हैं।
इसरो ने बताया कि शुभांशु ने न सिर्फ वैज्ञानिक गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्कूली बच्चों और ISRO केंद्रों से भी संवाद किया।
इससे पहले 13 जुलाई को शुभांशु और Axiom-4 टीम के लिए अंतरिक्ष स्टेशन पर एक विशेष विदाई समारोह हुआ, जिसमें उन्होंने टीम को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। शुभांशु अब अन्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन ग्रेस स्पेसक्राफ्ट से धरती की ओर रवाना हो चुके हैं और मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे कैलिफोर्निया के तट के पास उनका स्प्लैशडाउन यानी समुद्र में लैंडिंग होगा।
इसरो ने कहा है कि इस मिशन के ज़रिए भारत ने न केवल अंतरिक्ष में वैज्ञानिक उपलब्धि दर्ज की है, बल्कि भविष्य के स्पेस रिसर्च के लिए भी रास्ता खोल दिया है।