सालों से इन जगहों पर पर्यटन को बढ़ावा मिला है। इस लिस्ट में विदेशी पर्यटक स्थल और देश के पर्यटक स्थल दोनों शामिल हैं। बता दें कि जो लोग शानदार प्राकृतिक नजारों को देखना चाहते हैं, उनके लिए भारत पर्यटन स्थलों से समृद्ध देश है। यहां पर समुद्री तटों के विकल्प और ऊंची बर्फीली पहाड़ियां हैं। हरे-भरे मैदानी क्षेत्र तो सफेद रेतीले मैदान भी हैं। आप जंगल सफारी से लेकर ऊंट सफारी और क्रूज से लेकर फैरी तक के सफर का आनंद उठा सकते हैं।
साल 2024 में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला है। साल 2024 में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद करोड़ों की संख्या में सैलानी अयोध्या पहुंचे। तो दूसरी ओर पीएम मोदी के आह्वान पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षदीप पर पर्यटकों की काफी संख्या बढ़ी। वहीं अब साल 2025 में भी कई पर्यटन स्थल लोकप्रिय हो सकते हैं।
आलाप्पुझा (Alappuzha), जिसे अलप्पुझा भी कहा जाता है, भारत के राज्य केरल का एक प्रमुख शहर और जिला है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जलमार्गों और बैकवाटर के लिए प्रसिद्ध है। आलाप्पुझा केरल के दक्षिणी भाग में स्थित है और इसे “वेणिस ऑफ द ईस्ट” (Venice of the East) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ के जलमार्ग और नदियाँ इस शहर की पहचान बन चुकी हैं।
आलाप्पुझा के प्रमुख आकर्षण:
बैकवाटर: आलाप्पुझा केरल के बैकवाटर पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। यहाँ पर आप हाउसबोट की सवारी कर सकते हैं और केरल की सुंदर नदियों और झीलों के बीच घूम सकते हैं। यह अनुभव बहुत ही अद्वितीय और रोमांचक होता है।
वेम्बनाड झील (Vembanadu Lake): यह केरल की सबसे बड़ी झीलों में से एक है और आलाप्पुझा के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यहाँ नाव की सवारी करना और प्रकृति का आनंद लेना पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
नेहरू ट्रॉफी बोट रेस: आलाप्पुझा में हर साल आयोजित होने वाली नेहरू ट्रॉफी बोट रेस एक प्रमुख आयोजन है, जिसमें बड़ी-बड़ी सांस्कृतिक और पारंपरिक नावों की रेस होती है। यह उत्सव केरल की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है।
अंबलापुझा श्री कृष्ण मंदिर: यह मंदिर आलाप्पुझा जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और यहाँ एक प्रसिद्ध पायसम (केरल की विशेष खीर) प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
चुंगम: यह एक प्रमुख समुद्र तट है जहाँ पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
कुमारकोम: आलाप्पुझा से कुछ दूरी पर स्थित कुमारकोम बैकवाटर पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, और यह स्थान भी पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
कक्कवायिल: यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है जो आलाप्पुझा के पास स्थित है। यहाँ पर्यटकों को स्थानीय कला और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव होता है।
आलाप्पुझा का सांस्कृतिक महत्व:
आलाप्पुझा केरल की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को जीवित रखने वाला शहर है। यहाँ के लोग अपने कला, संगीत, नृत्य और साहित्य के लिए प्रसिद्ध हैं। आलाप्पुझा के विभिन्न त्योहारों और उत्सवों में लोक कला, पारंपरिक नृत्य और संगीत का विशेष महत्व है। यहाँ की वास्तुकला और मंदिरों की शैली भी केरल के अद्वितीय सांस्कृतिक गौरव को दर्शाती है।
आलाप्पुझा की यात्रा:
आलाप्पुझा तक पहुंचने के लिए आप वायुमार्ग, रेलमार्ग या सड़क मार्ग से जा सकते हैं। कोचीन (Cochin) और त्रिवेंद्रम (Trivandrum) एयरपोर्ट से आलाप्पुझा आसानी से पहुँचा जा सकता है। रेल और बस सेवा भी अच्छी है जो आलाप्पुझा तक पहुंचने के लिए उपलब्ध हैं।
यह शहर न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य और जलमार्गों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह केरल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और अद्वितीय जीवनशैली का भी परिचायक है।