लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा राजपाल सिंह यादव का गुरुवार 9 जनवरी 2025 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे और अस्पताल में इलाज के दौरान तड़के सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। राजपाल सिंह यादव के निधन की खबर से पूरे यादव परिवार और समाजवादी पार्टी के समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई।
राजपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पांच भाइयों में से चौथे स्थान पर थे। वह शिवपाल यादव से बड़े और मुलायम सिंह यादव से छोटे थे। यादव परिवार की राजनीति में उनकी भूमिका भले ही प्रत्यक्ष रूप से सीमित रही हो, लेकिन उन्होंने हमेशा परिवार और पार्टी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया।
उनके बेटे अंशुल यादव सक्रिय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और दो बार निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। वहीं, राजपाल सिंह यादव की पत्नी प्रेमलता यादव ने 2005 में राजनीति में कदम रखा था। वह यादव परिवार की पहली महिला थीं जिन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। बाद में सरला यादव, डिंपल यादव और अपर्णा यादव ने भी राजनीति में कदम रखा।
सपा नेता और उनके भाई रामगोपाल यादव ने अपने शोक संदेश में लिखा कि मैं अत्यंत दुख के साथ सूचित कर रहा हूँ कि मेरे अनुज राजपाल सिंह का आज सुबह चार बजे मेदांता अस्पताल गुड़गांव में असामयिक निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार मेरे पैतृक गाँव सैफई में आज दोपहर बाद किया जाएगा। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे और उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!”
राजपाल यादव के पार्थिव शरीर को गुरुग्राम से उनके पैतृक गाँव सैफई लाया गया। जहां कुछ समय के लिए शव को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। यादव परिवार और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं समेत स्थानीय जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सैफई में यादव परिवार एक बार फिर एकजुट नजर आया। यह स्थान पहले भी यादव परिवार की पारिवारिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। राजपाल सिंह यादव के निधन ने इस गाँव को एक बार फिर गमगीन माहौल में ढाल दिया।