
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ने भले अपने इस्तीफे के लिए स्वास्थ्य कारणों को वजह बताया है लेकिन इस पर दिनभर कयासों का दौर चला। धनखड़ ने त्यागपत्र स्वास्थ्य कारणों से दिया या सियासत के चलते, इसे लेकर विपक्ष ने भी सवाल दागे। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के लोगों को इसकी मांग करनी चाहिए कि फेयरवेल पार्टी तो हो। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के लोगों को उनका हाल चाल लेने के लिए जाना चाहिए लेकिन सुनने में आ रहा है कि कोई फेयरवेल भी नहीं हो रहा है। कम से कम फेयरवेल होता तो हम सब लोग जाते, चाय पीते, उन्हें धन्यवाद देकर स्वास्थ्य के बारे में पूछते। उनका सम्मान होता।
इसके पहले अखिलेश यादव ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर कहा था कि हम लोगों को पता चला है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। यह उनका व्यक्तिगत फैसला है। इस पर हम क्या कह सकते हैं। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (बिना नाम लिए)के बयानों को लेकर पूछे गए एक सवाल को अखिलेश यादव ने यह कहते हुए टाल दिया कि धार्मिक चर्चा करनी हो तो अलग से आना।
बता दें कि पिछले दिनों अखिलेश यादव और अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें सपा प्रमुख ने कथावाचक से कहा था कि दोनों के रास्ते अलग-अलग हैं। बाद में इसे लेकर अनिरुद्धाचार्य ने तंज भी कसा था जिसमें उन्होंने कहा था की राजा अगर प्रजा के प्रति द्वेष रखेगा तो देश की सेवा कैसे कर पाएगा।
संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। दिनभर की गहमागहमी के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग और उनकी सरकार हर मौके पर अन्याय करती है और अन्याय का कोई मौका नहीं छोड़ती। यूपी उपचुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को घेरा। कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि सभी वोटर बूथ तक जाएं और वोट डालकर आएं। भाजपा सरकार में पहली बार देखने को मिल रहा है कि आप को वोट नहीं डालने दिया जाएगा। अगर आप वोट डालने जाएंगे तो हो सकता है पुलिस लगा दें आप पर।