लखनऊ। भोले बाबा उर्फ नारायण साकार से करीबी के चलते विवादों में घिरे नजर आ रहे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाथरस में धार्मिक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना में आयोजकों को तो क्लीन चिट’ दे दी है, लेकिन प्रशासन को घेरा है। अखिलेश ने कहा कि बहुत बार आयोजकों को भी नहीं पता होता कि कितने लोग आएंगे। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि भीड़ का प्रबंधन करे और लोगों को सुरक्षित पहुंचाए। 2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी।
मीडिया से रूबरू होते हुए अखिलेश ने कहा कि बड़े पैमाने पर लोगों की जान गई। अधिकतर महिलाएं, बच्चे थे। गरीब तबके के लोग थे। यह कार्यक्रम पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी ऐसे कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न जगहों पर होते रहे हैं। इस बार यह घटना हो गई। प्रदेश के लोग जानते हैं कि बहुत बार जब ऐसे आयोजन होते हैं, जितने बुलाए जाते हैं, उससे अधिक आ जाते हैं। यह आयोजकों को भी नहीं पता हो पाता कि कितने लोग आएंगे? यह जिम्मेदारी प्रशासन की है कि वह भीड़ का प्रबंधन करें। लोग सुरक्षित आएं और सुरक्षित जाएं यह शासन-प्रशासन का काम है। इस घटना के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह प्रशासन है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक साल पहले की नारायण हरि के कार्यक्रम की उनकी वायरल तस्वीर पर कहा कि अब आरोप लगाने से काम नहीं चलेगा। भाजपा के लोग सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें चलवा रहे हैं। यह उनका पुराना काम है। अभी कम हारे हैं, लेकिन सुधरे नहीं। जब पूरी तरह से हारेंगे तब शायद सुधरेंगे। यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हैं। हाथरस में समय से इलाज न मिलने के चलते न जाने कितनी जान चली गई। भीड़ प्रबंधन और इमरजेंसी की तैयारी पहले से की जाती है। अखिलेश ने ब्रजेश पाठक पर भी निशाना साधा। कहा- जब स्वास्थ्य मंत्री खुद ही अपना राजनीतिक स्वास्थ्य ठीक करने में लगे हैं तो विभाग कैसे ठीक होगा? पता नहीं कौन सा विटामिन तलाश रहे हैं।