
दिल्ली में शुक्रवार को एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 371 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई रही, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सुबह सात बजे तक चांदनी चौक में एक्यूआई 359, आईजीआई हवाईअड्डा (टी3) पर 357, आईटीओ पर 344, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम पर 342, आरके पुरम पर 372, ओखला फेज 2 पर 374, पटपड़गंज पर 379, सोनिया विहार पर 400 और आया नगर पर 359 दर्ज किया गया।
हालांकि, दिल्ली में कई स्थान अभी भी वायु प्रदूषण के लिए ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं, आनंद विहार में एक्यूआई 410, बवाना में 411, मुंडका में 402 और वजीरपुर में 413 दर्ज किया गया। 0-50 के बीच का AQI अच्छा माना जाता है, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब तथा 401-500 गंभीर माना जाता है। इस बीच, उत्तर प्रदेश में स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहां शुक्रवार को सुबह 7 बजे लखनऊ में एक्यूआई 268 दर्ज किया गया, जिसे सीपीसीबी ने खराब श्रेणी में रखा है। नोएडा में धुंध की एक पतली परत छाई रही, जहां एक्यूआई 262 दर्ज किया गया, जिसे सीपीसीबी के अनुसार ‘खराब’ श्रेणी में रखा गया है।
दिल्ली में हुआ समय में बदलाव
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्थिति में आने के बाद केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने कर्मचारियों के काम की अवधि में बदलाव की घोषणा की। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों को वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए एक वाहन में अकेले नहीं चलने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी गई है। आदेश में कहा गया है, ‘‘कार्यालयों में सुबह नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक या सुबह 10 बजे से शाम साढ़े छह बजे तक काम किया जाएगा।’’ आदेश में आगे कहा गया है कि इन उपायों को मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा उनकी कार्यात्मक आवश्यकताओं के आधार पर अपनाया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दक्षता और उत्पादकता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
हालांकि कई दिनों के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से कम दर्ज किया गया। हालांकि, दिल्ली अब भी देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। पहले स्थान पर हाजीपुर है जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 दर्ज किया गया। सोमवार और मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया, और यह 450 से अधिक दर्ज किया गया।
‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, खासकर सांस की समस्याओं वाले लोगों और बच्चों पर। ऐसे में सीपीसीबी ने लोगों से बाहर ना निकलने की सलाह दी है, और खासकर उन लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा है, जो पहले से ही सांस की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के इस स्तर के कारण, शहर में धुंध के कारण दृश्यता भी कम हो गई है, और यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।