
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के तिमारपुर इलाके में मिली छह साल की अज्ञात बच्ची के शव की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस उसका फेस रिकंस्ट्रक्शन कराएगी। इसके जरिए एआई (AI) से संभावित चेहरा बनाकर पहचान की कोशिश होगी। इसके लिए गुजरात के गांधी नगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस लैब से संपर्क किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, 21 जून को तिमारपुर के तारा चौक के पास झाड़ियों में बच्ची का शव मिला था। शव को कुत्ते खींचकर सड़क पर ले आए थे, जिससे लोगों की नजर उस पर पड़ी। सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। बच्ची की पहचान नहीं होने पर 27 जून को उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें पता चला कि शव छह साल की बच्ची का है। इसके बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। बच्ची की पहचान के प्रयास जारी हैं।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, आसपास के जिलों और थानों में लापता बच्चियों की जानकारी खंगाली जा रही है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला। शव फेंकने का सही समय पता न चलने के कारण हत्यारों तक पहुंचने में पुलिस को मुश्किल हो रही है। पुलिस ने बताया कि गांधी नगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री से संपर्क किया जा रहा है। यहां वैज्ञानिक माप के आधार पर शव के सिर के कंकाल में पीओपी भरी जाती है। थ्री डी तकनीक और अन्य तरीकों से संभावित चेहरा तैयार किया जाता है। यह चेहरा अनुमानित होता है। चेहरे में रंग, बाल आदि जोड़कर संभावित चेहरे बनाए जाएंगे।
पहले भी एआई तकनीक का इस्तेमाल हुआ था। बीते साल 10 जनवरी को कोतवाली इलाके में यमुना किनारे एक युवक का शव मिला था, जिसकी पहचान नहीं हो पा रही थी और न ही कोई गुमशुदगी दर्ज थी। पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से शव की फोटो में बदलाव कर उसे जीवित व्यक्ति जैसा दिखाया। इसके बाद यह फोटो थाने के बाहर लगाई गई। तस्वीर देखकर मृतक के परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया। पहचान होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।