
उत्तर प्रदेश के कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव, जिसमें बीजेपी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को निशाने पर लेकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। यह मामला हिमाचल प्रदेश की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज की छुट्टी से जुड़ा हुआ है, जिसे हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया। भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, बीजेपी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। रामवीर सिंह, जो कि कुंदरकी से बीजेपी के प्रत्याशी हैं, ने पहले सोशल मीडिया पर इस मामले को उठाया, और इसके बाद बीजेपी नेताओं ने सपा और कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी लगाई।
बीजेपी इसे इस तरह से पेश कर रही है कि कांग्रेस और सपा दोनों ही सरकारों में तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए ऐसे अधिकारियों को तरजीह देती हैं, जो उनके राजनीतिक हितों के साथ मेल खाते हों। चुनाव के लिहाज से यह बीजेपी के लिए एक बड़ा अवसर बन गया है, क्योंकि 20 नवंबर को मतदान होने वाला है और वह चाहती है कि यह मुद्दा उनके पक्ष में खेल जाए। बीजेपी की रणनीति स्पष्ट रूप से सपा और कांग्रेस को घेरने और उन्हें जनता के सामने नकारात्मक रूप में पेश करने की है, ताकि वे इस मुद्दे के जरिए मतदाताओं का समर्थन प्राप्त कर सकें।
हिमाचल सरकार द्वारा इल्मा अफरोज का बीजेपी साथ दे रही है या सियासी फायदा उठा रही है यह तो वह ही जाने लेकिन कांग्रेस और खासकर समाजवादी पार्टी के लिये अफरोज प्रकरण गले की हड्डी बन गया है। भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह के बाद इस मुद्दे पर अब यूपी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे अध्यक्ष कुंवर बासित अली भी कांग्रेस को घेर रहे हैं कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार अपनी एसपी को सुरक्षा नहीं दे पा रही है कांग्रेस के दबंग विधायक की गुंडई के डर से आईपीएस इल्मा अफ़रोज़ को अपने घर यूपी आना पड़ गया कांग्रेस की सरकार में ईमानदार मुस्लिम महिला अधिकारी को नौकरी नहीं करने दी जा रही है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस के नेता अब जवाब दे अखिलेश यादव क्यों नहीं राहुल गांधी से बात कर ईलमा अफ़रोज़ को हिमाचल में सुरक्षा दिला पा रहे हैं। कांग्रेस विधायक पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही एक ईमानदार अधिकारी को इंसाफ क्यों नहीं दे रहे।
बासित अली ने कहा कि इल्मा अफरोज एक ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। अचानक इल्मा अफ़रोज़ के अपने घर आने की खबर मिलने के बाद से उनके आसपास के लोग भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं यहां स्थानीय लोगों का कहना है कि इल्मा अफरोज एक ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं और उनका व्यवहार बहुत अच्छा है वह गरीबों की बहुत मदद करती हैं.वहीं, मुरादाबाद से सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस मामले में राहुल गांधी को दखल देने की मांग उठाई है।
बहरहाल, हिमाचल प्रदेश के बद्दी में विवाद के बाद अपने घर कुंदरकी लौटीं इल्मा अफरोज से मिलने उनके रिश्तेदार, करीबी और परिचित भी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। आईपीएस इल्मा भी अपनी मां के साथ कुछ रिश्तेदारों से मिलने उनके घर पहुंचीं। इल्मा अफरोज ने बताया कि वह 21 नवंबर तक छुट्टी पर हैं। इस प्रकार, यह घटना उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में एक सियासी हथियार बन गई है, और राजनीतिक दल इसे अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।