राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना ‘‘संवैधानिक अपराध’’ है और अब इसका राज्य का दर्जा बहाल करने का समय आ गया है। सिब्बल की टिप्पणी जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, खासकर जब से उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। यह शपथ 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहली चुनी हुई सरकार की स्थापना को दर्शाती है, जो क्षेत्र में राजनीतिक परिवर्तन का एक बड़ा संकेत है।
सिब्बल ने अपने ट्वीट में जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने को “संवैधानिक अपराध” बताया और उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले पर फैसले न लेने को गलत करार दिया। उनका यह कहना कि राज्य का दर्जा बहाल करना जम्मू-कश्मीर के लोगों का संवैधानिक अधिकार है, इस बात की ओर इशारा करता है कि राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों की शपथ से जम्मू-कश्मीर में एक नई राजनीतिक परिप्रेक्ष्य स्थापित हो रही है, जो स्थानीय नेतृत्व और प्रशासन को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक कदम है। अब देखना यह है कि क्या इस नए प्रशासन के तहत राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।