
पुणे। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी के वकील ने मानहानि मामले में सुनवाई कर रही पुणे की एक अदालत में उनकी सहमति के बिना यह दावा करते हुए आवेदन दिया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जान को खतरा है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के वकील बृहस्पतिवार को अपना यह लिखित वक्तव्य वापस लेंगे।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वकील ने यह अर्जी दायर करने से पहले राहुल गांधी की सहमति नहीं ली थी। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी के वकील ने बिना उनसे बात किए या उनकी सहमति लिए अदालत में लिखित बयान दाखिल करके उनकी जान पर खतरे का हवाला दिया था। उन्होंने कहा कि इस बात से राहुल गांधी की घोर असहमति है। इसलिए कल उनके वकील इस लिखित बयान को कोर्ट से वापस लेंगे।
इससे पहले राहुल गांधी के वकील ने पुणे की एक विशेष अदालत में अर्जी दाखिल करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी को सावरकर की विचारधारा को मानने वालों से गंभीर खतरा है। बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ पुणे की अदालत में सावरकर से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई चल रही है। सावरकर के भतीजे अशोक सावरकर के बेटे व आवेदक सात्यकी सावरकर ने मार्च 2023 में लंदन में दिए गए राहुल गांधी के भाषण का हवाला देते हुए पुणे की अदालत में उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इस संबंध में खुद राहुल गांधी के वकील ने प्रेस रिलीज जारी की है। उन्होंने कहा कि 13 अगस्त को दायर की गई अर्जी बिना उनके मुवक्किल राहुल गांधी के निर्देशों के न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। वकील ने ये भी कहा कि अर्जी में जो कुछ भी लिखा है वह भी राहुल गांधी से परामर्श किए बिना लिखा गया था। वकील मिलिंद पवार ने कहा, “मेरे मुवक्किल ने दिनांक 13.08.2025 की इस अर्जी के दाखिल होने पर कड़ी आपत्ति जताई है और उसकी विषय-वस्तु से अपनी असहमति व्यक्त की है। मैं कल माननीय न्यायालय के समक्ष उक्त अर्जी को वापस लेने के लिए एक औपचारिक आवेदन दाखिल करूंगा।
राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता मिलिंद पवार ने अदालत में दायर एक आवेदन में कहा था कि भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी को “आतंकवादी” कहा है, जबकि भाजपा नेता तरविंदर मारवाह ने खुले तौर पर धमकी दी थी कि “अगर वे ठीक से बरताव नहीं करेंगे तो उनका अंजाम उनकी दादी जैसा होगा।” इसके अलावा, आवेदन में कहा गया कि इस केस का शिकायतकर्ता नाथूराम गोडसे का सीधा वंशज है जिससे खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
पवार ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर का संबंध सावरकर और गोडसे परिवार से है, जिसका दुरुपयोग हो सकता है। आवेदन में कहा गया, “शिकायतकर्ता की वंशावली से जुड़े हिंसक और असंवैधानिक प्रवृत्तियों के इतिहास, तथा मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए, यह स्पष्ट और गंभीर आशंका है कि राहुल गांधी को हानि पहुंचाई जा सकती है, गलत तरीके से फंसाया जा सकता है या उन्हें उन लोगों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है जो विनायक सावरकर की विचारधारा में विश्वास रखते हैं।