कुबेरेश्वर धाम : मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित प्रसिद्ध शिव पुराण कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के कुबरेश्वर धाम के लिए दिन भी अच्छा नहीं गुजरा, इस दौरान आज यहां 3 लोगों की मौत हो गई। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को भगदड़ में दो महिलाओं की जान चली गई थी। हालांकि बुधवार को हुई तीन लोगों की मौत की वजह घबराहट और चक्कर आने के साथ हार्ट अटैक को बताई जा रही है। इस तरह बीते दो दिनों में कुबेरेश्वर धाम में कुल पांच लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कुछ लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। बता दें कि सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा ने बुधवार को भव्य कांवड़ यात्रा का आयोजन किया था, जिसमें शामिल होने देशभर से करीब ढाई लाख श्रद्धालु पहुंचे।

उधर बुधवार को कुबेरेश्वर धाम में जिन तीन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उनकी पहचान चतुर सिंह (50 वर्ष) पिता भूरा और ईश्वर सिंह (65 वर्ष) के रूप में हुई है। इनमें से चतुर सिंह गुजरात के पंचमहल जिले के तो ईश्वर सिहं रोहतक हरियाणा के निवासी थे। वहीं एक अन्य मृतक की पहचान दिलीप सिंह (57 वर्ष) निवासी रायपुर के रूप में हुई है।

बताया जा रहा है कि दिलीप सिंह को बुधवार शाम कुबरेश्वर धाम से जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हार्ट अटैक से होना बताया गया। वहीं दो अन्य व्यक्तियों में एक की मौत कुबेरेश्वर धाम में अचानक चक्कर आकर गिरने से हुई है, जबकि दूसरे व्यक्ति की मौत एक होटल के सामने खड़े-खड़े गिर जाने से हुई है।

बुधवार को कुबरेश्वर धाम में निकली कांवड़ यात्रा सीवन नदी के तट से शुरू हुई थी, और कुबेरेश्वर धाम तक 11 किलोमीटर चलकर पहुंची। इस दौरान यात्रा में शामिल कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल भी बरसाए गए। यात्रा के चलते मंगलवार देर रात से ही यहां इंदौर-भोपाल हाईवे पर लंबा जाम लगा हुआ है।

बता दें, मंगलवार दोपहर में भीड़ में दबने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। उनकी पहचान बुधवार को हुई। एक मृतक का नाम जसवंती बेन पति चंदू भाई है, जिनकी उम्र 56 वर्ष थी और वह ओम नगर राजकोट गुजरात की रहने वाली थीं। जबकि दूसरी महिला का नाम संगीता गुप्ता पति मनोज गुप्ता निवासी फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश था, उनकी उम्र 48 वर्ष थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुबेरेश्वर धाम में मची भगदड़ में हुई दो महिलाओं की मौत के मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार टंडन ने संज्ञान लिया है, और संबंधितों से जवाब मांगा है। उन्होंने कलेक्‍टर और पुलिस अधीक्षक से जांच कराकर भीड़ प्रबंधन की क्‍या व्‍यवस्‍था थी, घायलों के इलाज में क्या कार्यवाही की गई, मृतकों को क्या आर्थिक सहायता दी गई, इस संबंध में 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

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