अमेरिका के सामने टीआरएफ पर बदले पाकिस्तान के सुर

नई दिल्‍ली। पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले वाले आतंकी संगठन टीआरएफ को लेकर पाकिस्तान के सुर बदल गए हैं। अमेरिका द्वारा इसे आतंकी सूची में डालने को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि उन्होंने चालाकी दिखाते हुए यह भी कह डाला कि टीआरएफ को लश्कर से जोड़ना गलत है। बता दें कि भारत और अमेरिका दोनों का मानना है कि यह आतंकी संगठन पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा है।

इशाक डार ने कहा कि एक संप्रभु देश होने के नाते अमेरिका का टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करना ठीक है। हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम इस बात का स्वागत करते हैं। अगर टीआरएफ इसमें शामिल है और उसके खिलाफ सबूत हैं तो फिर ठीक है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार इन दिनों अमेरिका में हैं। वहां पर उनकी अमेरिकी सचिव मार्को रुबियो से मुलाकात भी हुई है।

हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा के साथ जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में टीआरएफ को काफी पहले खत्म कर दिया गया था। इसमें शामिल लोगों को सजा हुई थी। उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था और पूरे संगठन को तहस-नहस कर दिया गया था। वैसे यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की तरफ से यह बात कही गई है। पाकिस्तान सरकार पहले भी टीआरएफ और लश्कर के साथ होने की बात से इनकार करती रही है।

इससे पहले, डार ने पाकिस्तान की संसद को बताया था कि इस्लामाबाद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में टीआरएफ का उल्लेख रोक दिया था, जिसने पहलगाम हमलों की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि मुझे दुनिया भर से फोन आए, लेकिन पाकिस्तान इसे स्वीकार नहीं करेगा। टीआरएफ को हटा दिया गया, और पाकिस्तान की जीत हुई। इतना ही नहीं, डार ने यहां तक कहा था कि पाकिस्तान को टीआरएफ की गतिविधियों के बारे में और सबूत चाहिए होंगे।

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