
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अध्यक्ष कौन बनेगा? पिछले कई महीनों से इस पर मंथन हो रहा है लेकिन अब तक किसी नेता की इस पद पर ताजपोशी नहीं हो पाई है। बताया जा रहा ह है पार्टी के भीतर कई नेताओं के नाम को लेकर गतिरोध है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार भी कोई ओबीसी समुदाय का ही नेता बीजेपी अध्यक्ष बनेगा। एक महिला नेता का नाम भी रेस में शामिल बताया जा रहा है।
वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में ओबीसी और दलित वोट अपेक्षाकृत कम मिले। इसके चलते पार्टी इन समुदायों को साधने के लिए ओबीसी या दलित नेता को प्राथमिकता दे सकती है। इस वर्ग से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या, स्वतंत्रदेव सिंह, बेबी रानी मौर्य, धर्मपाल सिंह लोधी, अमर पाल मौर्या, बीएल मौर्या और बाबू राम निषाद का नाम चर्चा में है। केशव प्रसाद मौर्य की अगुवाई में ही 2017 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में परचम लहराया था। वह अभी योगी सरकार में मंत्री हैं।
स्वतंत्रदेव सिंह पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इस समय वह योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं। जाटव समुदाय से आने वाले स्वतंत्रदेव सिंह का संगठनात्मक अनुभव और दलित वोट बैंक पर प्रभाव उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है। वह सीएम योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा नेता बताए जाते हैं। वहीं, बेबी रानी मौर्य आगरा की मेयर और पूर्व राज्यपाल हैं। दलित समुदाय से होने के कारण उनकी दावेदारी भी चर्चा में है। वे भी इस समय बेबी रानी मौर्य यूपी सरकार में मंत्री हैं।
दूसरी ओर, ब्राह्मण समुदाय के बीच भी असंतोष को देखते हुए पार्टी ब्राह्मण चेहरों पर विचार कर रही है। इन नेताओं में दिनेश शर्मा और लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम चर्चा में है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का भी नाम सामने आया है। पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद की नियुक्ति से पश्चिमी यूपी में ब्राह्मण समुदाय को मजबूती मिल सकती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर से सांसद महेश शर्मा का भी नाम रेस में है।