
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) के फैसले को लेकर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक शिवपाल सिंह यादव ने इस फैसले को भविष्य का वध करार देते हुए सरकार पर करारा हमला बोला है। शिवपाल यादव ने कहा कि सरकार की यह नीति न केवल शिक्षा विरोधी है बल्कि यह गरीब, पिछड़े और ग्रामीण समाज के बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ है। साथ ही उन्होंने कहा कि ये शिक्षा का विलय नहीं, ये तो भविष्य का वध है।
दरअसल, गुरुवार को सपा विधायक शिवपाल यादव ने एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश में भाजपा सरकार ने हजारों प्राथमिक विद्यालयों को जबरन मिलाकर शिक्षा को कागजों में समेट दिया है। बच्चे भटक रहे हैं, स्कूल गिनती में सिमट रहे हैं। सरकार कहती है कि जहां बच्चे कम हैं, वो स्कूल बंद करके बड़े स्कूल में मिला दो। लेकिन सवाल ये है कि बच्चे कम क्यों हैं? शिवपाल ने कहा कि क्योंकि शिक्षक नहीं हैं, सुविधाएं नहीं हैं। सरकार खुद ही स्कूलों को वीरान कर रही थी, अब ताला भी लगा दिया है।
सपा विधायक ने कहा कि गांव का स्कूल किसी बच्चे के जीवन की शुरुआत होती है। वहीं से वह पहला शब्द पढ़ता है, पहला सपना देखता है। अब वह बच्चा रोज 3-5 किमी पैदल जाएगा या स्कूल छोड़ेगा, डबल इंजन सरकार ने ये तय कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज भी हजारों परिवार अपनी बेटियों को दूर स्कूल भेजने से डरते हैं। बेटी बचाओ का ढोंग करने वाले, बेटी पढ़ाओ की जमीन खुद खोद रहे हैं।
शिवपाल यादव ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए दावा किया कि स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। 1.5 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। ट्रांसफर नीति अस्त-व्यस्त और शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्य का बोझ है। लेकिन, सरकार ने न शिक्षक भर्ती की, न संसाधन बढ़ाए। सीधा स्कूल बंद कर दिया।
शिवपाल यादव ने कहा कि आज के बच्चे कल के डॉक्टर, इंजीनियर, किसान, वैज्ञानिक हैं। बीजेपी उन्हें स्कूल से दूर कर रही है। ये सिर्फ भवनों का मर्जर नहीं, सपनों का शट डाउन है। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी का मॉडल का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि हर गांव में स्कूल, शिक्षा मित्रों की नियुक्ति, लैपटॉप वितरण, कन्या विद्याधन और मुफ्त कॉपी-किताब।
सपा विधायक ने कहा कि हमने शिक्षा को अधिकार नहीं, सम्मान दिया था। सपा नेता ने कहा कि बीजेपी को चिंता स्मार्ट सिटी की है, पर स्मार्ट क्लास की नहीं। उन्हें दिलचस्पी ठेके, शिलान्यास और ई-टेंडर में हैं। न शिक्षक, न छात्र, न पुस्तक की। शिवपाल यादव ने आगे लिखा कि शिक्षा की कीमत पर इवेंटबाजी नहीं चलेगी। हम जनता से वादा करते हैं कि बंद हुए स्कूल फिर से खुलवाएंगे। शिक्षक भर्ती फिर शुरू करेंगे। शिक्षा का बजट बढ़ाएंगे। हर बच्चे को पढ़ाई का समान अवसर मिलेगा। ये संघर्ष सिर्फ स्कूलों का नहीं बल्कि गांव के भविष्य, बेटियों की पढ़ाई और सामाजिक न्याय का संघर्ष है।
शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी सड़क से सदन तक इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगी। सपा विधायक ने कहा कि विद्यालय नहीं बचेंगे तो देश का भविष्य नहीं बचेगा। हम सभी से अपील करते है कि गांव-गांव जागो, आवाज उठाओ, शिक्षा को बचाओ- भाजपा को हटाओ।