
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे प्रशांत कुमार अब रिटायर हो चुके हैं। प्रशांत कुमार योगी सरकार के बेहद करीबी अधिकारियों में से एक रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के करीबी होने के चलते माना जा रहा था कि उन्हें सेवा विस्तार मिल सकता है लेकिन उन्हें ना ही सेवा विस्तार दिया गया और ना ही अभी तक कोई बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इसी बीच पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की है। राकेश टिकैत ने प्रशांत कुमार की तारीफ में कहा कि आपके नेतृत्व में पुलिस का कार्य आने वाले सालों तक याद किया जाता रहेगा। बता दें, रिटायर्ड प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी है।
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की फोटो एक्स पर पोस्ट की है। प्रशांत कुमार ने मंगलवार को पोस्ट के जरिए बताया कि आज किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात हुई है। कई किस्से याद आए, खासकर जब किसान आंदोलनों के दौरान हमारी मुलाकातें हुईं थी। प्रशांत कुमार ने बताया कि कई बार परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण रही लेकिन संवाद की गुंजाइश हमेशा बनी रही। इसके साथ ही पूर्व डीजीपी ने कहा कि स्वर्गीय महेन्द्र सिंह टिकैत को याद किया। एक ऐसा नाम जो एक युग की स्मृति है।
वहीं पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के पोस्ट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत ने भी प्रतिक्रिया दी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आपके साथ किसान संघर्ष हो या अन्य कोई भी विषय वार्ता हमेशा सकारात्मक रही है। आपके नेतृत्व में पुलिस का कार्य आने वाले सालों तक याद किया जाता रहेगा। राकेश टिकैत ने प्रशांत कुमार को लेकर कहा कि आपका सरल स्वभाव प्रत्येक प्रदेशवासी को आपसे जोड़ने का काम करता है। आज की इस खास मुलाकात के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
बता दें, चाहे महीनों तक चलने वाला किसान आंदोलन हो या फिर लखीमपुर खीरी में किसानों पर केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का मामला हो, राकेश टिकैत किसानों से जुड़े मुद्दों का नेतृत्व करते रहे हैं। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत योगी सरकार और यूपी पुलिस के अधिकारियों से बातचीत करते थे।
वहीं प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मूल रूप से बिहार के सीवान जिले से आते हैं। उनकी पहचान एक तेज तर्रार, निर्णयात्मक और माफिया विरोधी अफसर के रूप में रही है। उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की। 300 से अधिक एनकाउंटर किए गए। इनमें कई कुख्यात अपराधियों का सफाया हुआ है।