लखनऊ में वंदे भारत पर पथराव

लखनऊ। लखनऊ से रविवार को आनंद विहार जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर आलमबाग वेस्ट केबिन के पास किसी ने पथराव कर दिया। इससे ट्रेन के एक कोच की शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। यात्रियों ने इसकी शिकायत आरपीएफ कंट्रोल में दर्ज कराई।

जानकारी के मुताबिक, वंदे भारत चारबाग से तय समय 5:15 बजे से 8 मिनट की देरी से छूटी। ट्रेन के आलमबाग वेस्ट केबिन पहुंचते ही बोगी सी-11 की सीट 30, 31 और 32 के सामने वाली खिड़की पर एक पत्थर तेजी से आकर लगा। इससे शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और यात्री सहम उठे। यात्री निर्मेष ने आरपीएफ कंट्रोल रूम में ट्रेन पर पथराव की शिकायत की। इसके बाद आरपीएफ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और यार्ड के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

आलमबाग में लोको वर्कशॉप की दीवार शनिवार शाम अचानक ढह गई। इस दौरान दीवार पर चढ़कर काम कर रहा मजदूर गिरकर घायल हो गया। उसे लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आलमबाग कोतवाली प्रभारी सुभाष चंद्र सरोज ने बताया कि मृतक दिल मोहम्मद पश्चिम बंगाल का रहने वाला था।

लखनऊ से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस रविवार को ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग कर्मचारियों की लापरवाही चलते देरी से रवाना हुई। नई दिल्ली से ट्रेन के लखनऊ जंक्शन स्टेशन पर पहुंचने के बाद कर्मचारियों द्वारा ट्रेन की सफाई की जा रही थी। सफाई में देरी के चलते स्टाफ ने कोच के दरवाजे नहीं खोले। जिससे यात्री बारिश में प्लैटफॉर्म पर ही गेट खुलने का इंतजार करने को मजबूर थे। यात्री कृष्ण कुमार ने रेलवे से इसकी शिकायत की, जिसके बाद ट्रेन के दरवाजे खुलवाए गए। इसके चलते शताब्दी एक्सप्रेस निर्धारित समय दोपहर के 3:30 की जगह 3:40 पर रवाना हुई।

वाराणसी से लखनऊ आने वाली ट्रेन 14235 वाराणसी-लखनऊ एक्सप्रेस में शनिवार को अनारक्षित श्रेणी व बेटिकट यात्रियों का कब्जा रहा। ट्रेन में भीड़ इस कदर रही कि यात्रियों के लिए सीटों से उठकर शौचालय तक जाना दूभर हो गया। ट्रेन की बोगी एस-4 में सवार एक महिला की सीट पर पुरुष यात्रियों ने कब्जा जमा लिया। महिला के विरोध पर भी सवार यात्री हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद महिला व अन्य यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की लेकिन, कोई मदद नहीं मिली।

नई दिल्ली जाने वाली गोमती एक्सप्रेस की एसी चेयरकार बोगी सी-2 में बड़ी संख्या में दैनिक यात्री और पुलिसकर्मी के चढ़ने पर यात्रियों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी में यात्री विकास ने भी ट्रेन में बेटिकट यात्रियों के कब्जे की शिकायत की, लेकिन उन्हें भी कोई राहत नहीं मिली।

Related Articles

Back to top button