
दिसपुर। देश के अंदर भी कई दुश्मन नकाप पहन कर छुपे रहते हैं जो समय समय पर देश के खिलाफ साजिश रचते हैं या साजिश रचने वालों को मदद करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को देशद्रोही की संज्ञा दी जाती है। पहलगाम हमले के बाद ज्योति मल्होत्रा रहित कई जासूसों को गिरफ्तार किया गया। कथित तौर पर यह वह लोग थे जो भारत में बैठ कर पाकिस्तान की आईएसआई को भारत के खिलाफ साजिश रचने पर मदद करते थे। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग है जि भारत में कुछ भी गतल होता है तो उसका जश्न मनाते हैं और सांप्रदायिक दंगे करवाते हैं। असम राज्य से अब तक सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां ऐसे लोगों की हुई है।
सोशल मीडिया पर ‘‘पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक पोस्ट’’ साझा करने के आरोप में असम में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और इसके साथ ही अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर राज्य में ऐसे मामलों में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 94 हो गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि आरोपी पर लगातार नजर रखी जा रही थी और उसे नलबाड़ी से गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘‘राष्ट्र विरोधी तत्वों पर कार्रवाई जारी है। कामरूप पुलिस ने सफीकुल हक को गिरफ्तार किया है जो अलग-अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल कर फेसबुक पर पाकिस्तान के समर्थन में और सांप्रदायिक पोस्ट साझा कर रहा था।’’ शर्मा ने पहले कहा था, ‘‘देशद्रोहियों पर राज्यव्यापी कार्रवाई जारी रहेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’’ पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है जो कथित तौर पर ‘‘भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों’’ में लिप्त हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया जाएगा, लेकिन सभी पर नहीं। विपक्षी ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ (एआईयूडीएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम को पाकिस्तान और पहलगाम आतंकवादी हमले में उसकी मिलीभगत का बचाव करने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद उन पर रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया।