
नई दिल्ली। पिछले महीने (मई में) देश में महंगाई यानी चीजों के दाम काफी तेजी से घटे हैं। खासतौर पर सब्जियों और दालों के दामों में जबरदस्त गिरावट आई है। सब्जियां पिछले महीने करीब 14% और दालें करीब 8% सस्ती हुईं। मांस-मछली और मसालों के दाम भी कुछ कम हुए हैं। हालांकि, फल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और खाने के तेलों के दाम अभी भी ऊंचे हैं। खाने के तेल तो पिछले तीन साल से ज्यादा समय में सबसे महंगे हैं।
खुदरा महंगाई ,जो हम आम लोग महसूस करते हैं, मई में घटकर 2.82% रह गई। यह अप्रैल (3.16%) से भी कम है। यह लगातार चौथा महीना है जब महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मनचाहे लक्ष्य (4%) से नीचे बनी हुई है। पिछले पांच सालों में यह महंगाई में गिरावट का सबसे लंबा दौर है। आरबीआई (RBI) को सरकार ने काम दिया है कि वह महंगाई को 4% के आसपास रखे। यह थोड़ा ऊपर-नीचे चल सकता है। ये आंकड़े उसके लिए अच्छी खबर हैं।
देश की सबसे बड़ी स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च टीम ने एक रिपोर्ट जारी की है। उनका कहना है कि अगर महंगाई इसी तरह काबू में रही, तो अगले साल जुलाई (2025) तक यह 2% या उससे भी नीचे जा सकती है। इसका मतलब क्या है? SBI रिसर्च का मानना है कि आरबीआई अगस्त महीने में होने वाली अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकता है।
पहले ही इसी साल जून में आरबीआई ने ब्याज दरों में आधा प्रतिशत (0.50%) की बड़ी कटौती की थी (विशेषज्ञों को तो सिर्फ 0.25% की उम्मीद थी।)। फरवरी से अब तक कुल 1% की कटौती हो चुकी है। अगस्त में हो सकता है एक और कटौती हो।
अगर आरबीआई ने ब्याज दरें कम कर दीं, तो इसका सीधा फायदा हम जैसे कर्ज लेने वालों को मिलेगा। होम लोन (घर का कर्ज), कार लोन, पर्सनल लोन जैसे सभी तरह के कर्ज की मासिक किस्त (EMI) कम हो सकती है। इससे लोगों के पास पैसे बचेंगे, वे ज्यादा खर्च कर सकेंगे या निवेश कर सकेंगे। ज्यादा खर्च और निवेश से देश की अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और वह मजबूत होगी।
जून में आधा प्रतिशत की बड़ी कटौती करते हुए, आरबीआई ने कहा था कि साल के आखिर तक महंगाई 4% से नीचे रहने का अनुमान है, लेकिन जल्दी फिर से दरें काटने की गुंजाइश कम है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया था कि भविष्य में क्या करेंगे, यह नए आंकड़ों पर निर्भर करेगा। मई के अच्छे महंगाई आंकड़ों ने अब एक नई उम्मीद जगा दी है।