
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष स्थान है। सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। वे हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इस गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। 15 जून को सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में 1 महीने तक रहेंगे। 15 जून को ग्रहों के राजा सूर्य देव मिथुन राशि में गोचर शुरू करेंगे और 16 जुलाई तक इसी राशि में मौजूद रहेंगे।
15 जून को सूर्य मिथुन राशि में गोचर करेंगे। जहां पहले से ही गुरु विराजमान हैं। ऐसे में दोनों ग्रहों के एक साथ मिथुन राशि में होने से गुरु आदित्य राजयोग बनेगा। खास बात ये है कि ये सूर्य देव के मित्र ग्रह की राशि है। व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अच्छे स्वास्थ्य, प्रसिद्धि, नाम, सरकारी नौकरी, सफलता, उच्च पद के कारक होते हैं। ये हर राशि में लगभग एक महीने तक विराजमान रहते हैं।
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के राशि परिवर्तन का विशेष महत्व होता है। जब भी कोई ग्रह किसी एक राशि में मौजूद होता है फिर किसी निश्चित समय में दूसरी राशि में परिवर्तन करता है तो इसका प्रभाव सभी जातकों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का होता है। ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से सूर्य हर एक महीने में राशि परिवर्तन करते हैं। कुंडली में सूर्य के शुभ भाव में होने पर व्यक्ति को नौकरी, मान-सम्मान और धन लाभ होता है।
ज्योतिष में सूर्य को तेज, मान-सम्मान और यश, उच्च पद-प्रतिष्ठा, आदि का कारक ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जिसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर पड़ता है। सिंह राशि के स्वामी सूर्य तुला राशि में नीचराशि तथा मेष राशि में उच्चराशिगत संज्ञक माने गए हैं। उच्च भाव में ग्रह अधिक मजबूत और बलशाली होते हैं। जबकि नीच राशि में ये कमजोर हो जाते हैं।
सूर्य गोचर मिथुन राशि में होने जा रहा है। 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे जहां पहले से ही गुरु विराजमान हैं। ऐसे में ग्रहों के राजा सूर्य की युति भाग्य, समृद्धि, ज्ञान, और सम्मान के कारक ग्रह गुरु के साथ होने वाली है। सूर्य औप गुरु की युति से गुरु आदित्य राजयोग भी बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में गुरु और सूर्य के मित्रतापूर्ण संबंध बताए गए हैं। दोनों शुभ ग्रहों के एक साथ मिथुन राशि में होने से कई राशियों को लाभ मिलने वाला है।
सूर्य के शुभ प्रभाव से जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनते हैं और लीडरशीप करने का मौका भी मिलता है। ज्योतिष में सूर्य को आत्माकारक ग्रह कहा गया है। इसके प्रभाव से आत्मविश्वास बढ़ता है। पिता, अधिकारी और शासकिय मामलों में सफलता भी सूर्य के शुभ प्रभाव से मिलती है। वहीं सूर्य का अशुभ प्रभाव असफलता देता है। जिसके कारण कामकाज में रुकावटें और परेशानियां बढ़ती हैं। धन हानि और स्थान परिवर्तन भी सूर्य के कारण होता है। सूर्य के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है।
शेयर बाजार में गिरावट के साथ बिजनेस की गति कुछ थमेगी। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि के साथ शेयर बाजार फिर से बढ़ने की भी संभावना रहेगी। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होने के योग बनेंगे। राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी। लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। शिक्षा प्रणाली में सुधार के भी योग बनेंगे। धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी। रेल दुर्घटना होने की संभावना। महिलाओं के लिए समय शुभ नहीं है। कोई बड़ी फिल्म अभिनेत्री से दुखद समाचार। देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे। सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा। मनोरंजन फिल्म नाटक फैशन डांसर कॉमेडी चर्चा में रहेंगे।
उपाय
भगवान श्री विष्णु की उपासना करें। बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं। रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें। रविवार के दिन उपवास रखे। रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें। जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें । भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।