संसद के विशेष सत्र की मांग को पवार की एनसीपी ने टाला

नई दिल्‍ली। पहलगाम हमले और उसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस लगातार विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है। इसके लिए कांग्रेस के नेताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से भी संपर्क किया। लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांद सुप्रिया सुले ने ‘यह समय नहीं है’ कहकर इसे टाल दिया। इसका खुलासा उन्होंने खुद किया है। सुप्रिया सुले ने स्पष्ट किया कि यह समय सरकार से तीखे सवाल पूछने का नहीं, बल्कि दुनिया को भारत की एकजुटता दिखाने का है।

सुप्रिया सुले ने बताया कि जब कांग्रेस ने उनसे विशेष सत्र के लिए पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए संपर्क किया, तब वह विदेश में एक सर्वदलीय डेलीगेशन के साथ यात्रा पर थीं। उन्होंने कहा, “मैंने कांग्रेस से कहा कि मैं बाहर हूं और यह सही समय नहीं है सरकार पर सवाल उठाने का। मैंने उन्हें सलाह दी कि हम लौटने के बाद इस पर बैठक करें, लेकिन उससे पहले ही पत्र भेज दिया गया।

सुले ने कहा कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि जब तक ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है पार्टी सरकार के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा, “यह वक्त राजनीति करने का नहीं है। यह भारत की सुरक्षा का मामला है। देश पहले आता है, फिर राज्य, फिर पार्टी और फिर परिवार।

आपको बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में 16 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। पत्र में पहलगाम हमला, पुंछ-उरी की घटनाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने विदेशों में मीडिया को ब्रीफ किया, लेकिन संसद और जनता को जानकारी नहीं दी।

सुप्रिया सुले ने बताया कि उन्होंने और उनके डेलीगेशन ने मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया और इन देशों ने भारत के खिलाफ हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “जिन देशों में हम गए, उन्होंने भारत के साथ पूरी एकजुटता दिखाई और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।

सुप्रिया सुले ने कहा कि जुलाई में संसद के मानसून सत्र के दौरान पार्टी सरकार से जरूर सवाल करेगी। उन्होंने कहा, “भारत सवाल पूछेगा, सिर्फ NCP नहीं। पूरे देश को जवाब चाहिए। लेकिन इस वक्त हमें एकजुट होकर दुनिया को दिखाना है कि हम आतंकवाद के खिलाफ एकमत हैं।

Related Articles

Back to top button