गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की बड़ी सफलता

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए अदालत से लोगों को जमानत दिलवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इस गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। वहीं इस गैंग से जुड़े 7 अन्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।

पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गैंग अब तक 700 से अधिक आरोपियों को फर्जी कागजों के आधार पर जमानत दिला चुका है। आरोपियों के पास से पुलिस ने 21 फर्जी आधार कार्ड, 7 थानों की नकली मुहरें, और कई खतौनी के फर्जी प्रिंटआउट बरामद किए हैं।

यह गैंग किसानों की खतौनी निकालकर उसमें आरोपी की फोटो लगाता था और उसके आधार पर फर्जी आधार कार्ड तैयार करता था। इसके बाद थानों के नाम पर फर्जी सत्यापन और मोहर तैयार कर अदालत में पेश करता था। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने जमानत की कीमत भी तय कर रखी थी। छोटे मामलों में 7,000 रुपये से लेकर गंभीर मामलों में 1 लाख रुपये तक की जमानत फिक्स रेट पर दिलवाई जाती थी।

इस मामले ने अदालतों में प्रस्तुत दस्तावेजों की सत्यता और पुलिस सत्यापन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस गिरोह में कोई सरकारी कर्मचारी या वकील भी शामिल तो नहीं था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस नेटवर्क की गहराई तक जांच की जा रही है और जल्द ही फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई से न केवल एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता भी बढ़ी है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किन-किन मामलों में इस गिरोह ने जमानत दिलवाने में भूमिका निभाई और उसका असर किन न्यायिक मामलों पर पड़ा।

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