
नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के सक्रिय मामले 1200 के पार पहुंच गए हैं। इस दौरान 12 लोगों की मौत भी दर्ज की गई है। विशेष रूप से केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौसमी बदलाव और वैक्सीन से मिली इम्युनिटी में कमी इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। हालांकि, अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के हैं और मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने और अस्पतालों में आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सप्लाई और अन्य जरूरी संसाधनों की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। केरल में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जहां मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे बड़े शहरों में भी नए मामले बढ़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रशासन सतर्क हो गया है।
हाल ही में NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए वेरिएंट्स का पता चला है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुसार, ये वेरिएंट्स पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक या गंभीर नहीं हैं। दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, “नया वेरिएंट JN.1, जो 2023 में सामने आया था, अब विश्व स्तर पर प्रमुख है। स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सावधानी जरूरी है।”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने की सलाह दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन लोगों ने लंबे समय से बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें वैक्सीन लेने पर विचार करना चाहिए। केंद्र सरकार ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है। DGHS, NCDC और ICMR जैसी संस्थाएं मौजूदा हालात की समीक्षा कर रही हैं। राज्यों को टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि नए वेरिएंट्स पर नजर रखी जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।